जयपुर.ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र को अब कचरा डिपो फ्री किया जाएगा. इसे लेकर निगम की एग्जीक्यूटिव कमेटी मीटिंग (Greater Nigam EC Meeting) में मंगलवार को प्रस्ताव पारित कर दिया गया. 19 महीने बाद हुई निगम ग्रेटर की कार्यकारिणी समिति की बैठक में कई बड़े मामलों पर चर्चा हुई. ऐसे में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों में खींचतान की स्थिति भी बन आई. हालांकि इस बैठक में वित्त समिति के अध्यक्ष और बीते दिनों कार्यवाहक महापौर रहीं शील धाभाई नहीं पहुंचीं.
कचरा डिपो फ्री बनाने की तैयारी : जयपुर नगर निगम ग्रेटर की ईसी की बैठक में शहर की सफाई को लेकर बड़ा फैसला किया गया है. अब निगम ग्रेटर के क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था को मजबूत करके निगम डिपो फ्री शहर बनाएगा. शहर में जगह-जगह खुले में कचरा डिपो बन जाने से गुलाबी शहर का सौंदर्य खराब हो चुका है. इससे शहर की बिगड़ती छवि को देखकर मंगलवार को निगम की सभी कमेटियों के चेयरमैन के साथ महापौर और उपमहापौर ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी. ईसी के बैठक में शहर में प्रशासन शहरों के संग अभियान में चल रहे पट्टा वितरण को भी दुरुस्त करने की जरूरत बताई गई. साथ ही सड़कों के नामकरण और विकास से जुड़े प्रस्ताव भी इस बैठक में रखे गए. मुख्यालय में क्रेच लगाने और महिलाओं के लिए सेनेटरी पैड मशीन लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया.
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साफ-सफाई प्राथमिकता : ईसी को लेकर महापौर ने कहा कि शहर की सफाई की प्राथमिकता पर काम (Garbage depot free in Jaipur) करते हुए पहले डिपो फ्री करने की जरूरत पर सभी ने हामी भरी और नए साल में इसे जल्द अमल में लाए जाने की कोशिश होगी. वहीं सभी वार्ड में 50-50 लाख और उसके बाद 80-80 लाख रुपए के विकास कार्यों को लेकर भी बताया गया कि 100 से ज्यादा वार्डों में काम हुए हैं. जबकि जल्द ही बाकी वार्डों में भी विकास कार्यों को पूरा कराया जाएगा.
कच्ची बस्तियों को भी मिले लाभ : यूडी टैक्स के प्रस्ताव पर कार्य समिति के सदस्यों ने ये सुझाव दिया कि यूडी टैक्स की सरलीकरण के लिए विषय-विशेषज्ञों को बुलाकर उनकी राय ली जाए. साथ ही कच्ची बस्तियों के सर्वे और पुनर्वास के प्रस्ताव पर फैसला लिया गया. उनकी वर्तमान स्थिति का सर्वे और नोटिफाई करवाने के लिए कमेटी बनाकर प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाए, ताकि कच्ची बस्तियों के लिए मूलभूत सुविधाएं विकसित कर उन्हें लाभान्वित किया जा सके.
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ये प्रस्ताव पारित : इस दौरान सामुदायिक केन्द्र, उद्यान, सर्किल, तिराहा, मोक्षधाम के रखरखाव और बेहतर संचालन के लिए कमेटी बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया. ये कमेटी निगम के संसाधनों के अतिरिक्त, स्थानीय विकास समितियों और जनसहयोग के जरिए विकास में भागीदारी बढ़ाएगी, ताकि शहरवासियों को अच्छी सुविधायें मिल सके. ईसी में 5 खतरनाक डाॅग नस्लों को प्रतिबंधित करने के लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजे जाने का फैसला लिया गया. कार्य समिति में 5 कर्मचारियों के अनुकम्पा नियुक्ति और स्थायीकरण के साथ प्रमुख मार्ग, सड़कें, चौराहे और उद्यान के नामकरण के प्रस्ताव पारित किए गए. बैठक में कार्यसमिति के सदस्यों की ओर से सुझाव देते हुए कमेटी के समक्ष अतिरिक्त प्रस्ताव रखे गए, जिन्हें भी सर्वसहमति से पारित किया गया.
हालांकि बैठक की शुरुआत से पहले ही यहां कांग्रेसी पार्षद करण शर्मा के पहुंचने से हंगमा हो गया. कई मुद्दों पर पार्षद और चेयरमैन आपस में उलझते भी नजर आए. डिप्टी मेयर पुनित कर्णावट ने प्रोजेक्ट एक्सईएन मनोज शर्मा पर सफाई की टेंडर प्रक्रिया में लापरवाही के आरोप लगाए. वहीं, एक्सईएन ने भी खुद को कार्य मुक्त करने की बात कह दी. इस पर कमीश्नर ने इस व्यवहार पर अपनी नाराजगी भी जाहिर की. बैठक के दौरान पार्षद दिनेश कांवट ने पूर्व उपराष्ट्रपति भैंरो सिंह शेखावत के नाम पर मार्ग के नामकरण का प्रस्ताव रखा. इस पर डिप्टी मेयर और पार्षद के बीच नोकझोंक भी हुई.