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वसुंधरा सरकार के दौरान आखिरी 6 माह में वापस लिए गए मुकदमों की होगी समीक्षा...सब कमेटी की बैठक में सामने आए ये आंकड़े

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल के आखिरी 6 महीने में वापस लिए गए आपराधिक मुकदमों की समीक्षा होगी. वसुंधरा सरकार ने अपने कार्यकाल के आखिरी 6 महीने में 269 मुकदमें वापस लिए थे, ये आंकड़े गुरुवार को सचिवालय में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में बनी सब कमेटी की बैठक में सामने आए.

वसुंधरा सरकार के दौरान 6 माह में 269 वापस लिए गए मुकदमों की होगी समीक्षा

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Published : Jun 27, 2019, 9:29 PM IST

Updated : Jun 27, 2019, 10:05 PM IST

जयपुर.प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही पूर्व की वसुंधरा सरकार के कार्यों की समीक्षा को लेकर सब-कमेटी बनाई गई थी. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में बनी तीन मंत्रियों की यह कमेटी वसुंधरा सरकार के वक्त आखिरी छह माह में लिए गए मामलों की समीक्षा कर रही है. सचिवालय में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक में सामने आया की वसुंधरा सरकार ने कार्यकाल के आखिरी 6 महीनों में 269 गंभीर आपराधिक मामलों को वापस लिया है. ये सभी मामले गंभीर किस्म के हैं. राजनीतिक कारणों के चलते इन्हें वापस लिया गया है.

वसुंधरा सरकार के दौरान 6 माह में 269 वापस लिए गए मुकदमों की होगी समीक्षा

बैठक में खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने यह मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि 8 से 10 गंभीर अपराधिक मामले हैं और इन्हें व्यक्तिगत रुप से किसी को फायदा पहुंचाने के लिए वापस लिया गया है. मीणा ने कहा कि इस तरह के मामले वापस नहीं लिए जाने चाहिए थे. बैठक में यह भी सामने आया कि वसुंधरा सरकार ने सीआरपीसी की धाराओं में संशोधन किया था, जिसकी वजह से कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका रहती है.

हालांकि यह साफ नहीं हो पाएगा की किन-किन राजनेताओं से मुकदमे वापस लिया गया है. इसकी जानकारी कमेटी ने नहीं दी. मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि बैठक में गृह जेल, होमगार्ड, सैनिक कल्याण और उद्योग विभाग से जुड़े मामलों की समीक्षा की गई है. साथ ही उद्योग विभाग में रीको की तरफ से भूमि आवंटन उद्योग विभाग की तरफ से इंडस्ट्री को गलत तरीके से छूट देने के मामले की समीक्षा की जा रही है. इससे संबंधित फाइल तलब की जा रही है.

नियमों में किया संशोधन
बीजेपी सरकार ने 6 हजार कांस्टेबलों को हेड कांस्टेबल पद पर प्रमोशन किए थे. पूर्व में 100 फीसदी प्रमोशन पीसीसी पास करने पर ही होते थे. पीसीसी यानि प्रमोशन कांस्टेबल कोर्स लेकिन पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने अधिकांश कांस्टेबलों की पीसीसी पास नहीं करने की स्थितियों को देखते हुए नियमों में बदलाव कर 50 फीसदी प्रमोशन स्क्रीनिंग के जरिए. साथ ही 50 फीसदी प्रमोशन पीसीसी के जरिए किए थे. अब कैबिनेट सब कमेटी ने नियमों के लिए किए गए संशोधन पर पुनर्विचार करेगी. होमगार्ड के संबंध में भाजपा सरकार ने नियमों में संशोधन किया था. लेकिन वे स्वयं सेवक होने के कारण यूडीएच मंत्री और कमेटी के अध्यक्ष धारीवाल ने इस मामले को प्रचार करने का इनकार कर दिया.

राजनेताओं को पहुंचाया गया था फायदा
वसुंधरा सरकार ने अपने आखिरी कार्यकाल में 269 मुकदमे वापस लिए थे. सब कमेटी की बैठक में खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि 8 से 10 मामले से जो गंभीर अपराध के उन्हें वापस नहीं लिया जा सकता. इन मामलों की समीक्षा होनी चाहिए. इस पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने गृह विभाग से इन मामलों की फाइल तलब की है. दरअसल, पूर्व की वसुंधरा सरकार ने राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा समेत अन्य नेताओं पर दर्ज केस भी वापस लिए थे.

Last Updated : Jun 27, 2019, 10:05 PM IST

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