भगवान गणेश का सिंजारा उत्सव जयपुर.राजधानी के प्रमुख गणेश मंदिरों में गणेश चतुर्थी से पहले सिंजारा उत्सव मनाया गया. इसमें भगवान गणेश को मेहंदी अर्पित करते हुए असंख्य लड्डुओं का भोग लगाया गया. राजधानी के प्रमुख मोती डूंगरी गणेश मंदिर में सोजत से मंगाई गई 3500 किलो मेहंदी अर्पित करने के बाद, यही मेहंदी श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में वितरित की गई.
श्रद्धालुओं के लिए आठ लाइन :दर्शन व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर डीसीपी ईस्ट ज्ञानचंद्र यादव ने बताया कि दर्शनार्थियों को भगवान के दर्शन करने में किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए पहले पुलिस कमिश्नर और एडिशनल कमिश्नर की विजिट हुई. उन्हीं के निर्देश पर 8 एडिशनल डीसीपी, 15 एसीपी और करीब 800 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. इसके अलावा पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे, बेरिकेडिंग और मेटल डिटेक्टर गेट लगाए गए हैं. इसके अलावा सादा वर्दी में भी पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. ये पुलिसकर्मी तीन शिफ्ट में सिंजारा उत्सव से गणेश चतुर्थी तक की व्यवस्थाएं संभालेंगे. यहां श्रद्धालुओं के लिए आठ लाइन बनाई गई है, जिसमें आम श्रद्धालु और पासधारक की अलग-अलग लाइन रहेगी.
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मेहंदी प्रसाद लेने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ : मोती डूंगरी गणेश मंदिर में प्रथम पूज्य भगवान गणेश के सिंजारा उत्सव के दौरान हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ी. मान्यता है कि भगवान को धारण कराई गई मेहंदी बहुत शुभ होती है और जो अविवाहित युवक और युवती इस मेहंदी को लगाते हैं, उनकी शादी भी जल्द हो जाती है. ऐसे में इस मेहंदी प्रसाद को लेने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ भी देखने को मिली. सिंजारा उत्सव के दौरान भगवान गणेश को हीरे जड़े सोने का मुकुट धारण कराते हुए चांदी के सिंहासन पर विराजमान कराया गया. इस दौरान श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस प्रशासन भी तैनात रहा.
असंख्य लड्डुओं का भोग लगाया :श्रद्धालुओं ने बताया कि प्रशासन की ओर से मंदिर में प्रवेश करने के लिए और भगवान के दर्शन करने के लिए अच्छी व्यवस्थाएं की गई हैं. मंदिर के अलावा वो घर पर भी भगवान गणेश को विराजमान कराएंगे. साथ ही विधि-विधान के साथ उनकी पूजा आराधना भी करेंगे. उन्होंने बताया कि भगवान गणेश विघ्नहर्ता हैं, वो प्रथम पूज्य हैं. ऐसे ने उनसे देश में सुख शांति समृद्धि की कामना करेंगे. एक श्रद्धालु ने बताया कि इस बार इको फ्रेंडली गणेश जी की स्थापना करेंगे. भगवान को दूर्वा प्रिय होती है, इसलिए दूर्वा की माला बनाकर उन्हें अर्पित करते हुए और उन्हें मोदक का भोग लगाएंगे. जयपुर के प्राचीन नहर के गणेश मंदिर में भी देखने को मिला. यहां भगवान को मेहंदी अर्पित की गई और असंख्य लड्डुओं का भोग लगाया गया. साथ ही मंदिर परिसर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को मेहंदी के साथ-साथ सिंदूर भी वितरित किया गया.