जयपुर. RAS केसर लाल मीणा और लक्ष्मीकांत बालोत के बाद अब RPS हरिचरण मीणा ने सोशल मीडिया पर जातिगत और धार्मिक टिप्पणी करके विवाद (RPS Controversial Posts On Social Media) को बढ़ा दिया है. लगातार एक के बाद राजकीय सेवा के अधिकारियों के टिप्पणियों ने जाति और वर्ग विशेष को नाराज (RPS Controversial Posts On Social Media) कर दिया है. क्या किसी भी राज्य सेवा के कर्मचारी और अधिकारी को इस तरह की जातिगत और धार्मिक टिप्पणियां करनी चाहिए और राजकीय सेवा के क्या नियम हैं, इस पर ईटीवी भारत ने पूर्व आईएएस महेंद्र सिंह से खास बात की.
धार्मिक और जातिगत टिप्पणियों से बचना चाहिए- पूर्व आईएएस महेंद्र सिंह ने कहा कि मैं 1962 में आईएएस सेवा में आया था. अपने समाज में पहला दलित आईएएस अधिकारी हूं, जहां तक राज सेवा का संबंध है या जो भी अधिकारी राज सेवा में है उनको इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. धार्मिक और जातिगत टिप्पणियों से किसी की भावना को आहत करने से बचना चाहिए. कर्मचारी या अधिकारी को सेवा नियमों के तहत सभी जाति और वर्ग को साथ लेकर काम करना होता है. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अशोभनीय टिप्पणी वर्ग विशेष को आहत करती है. इसका रिएक्शन भी समाज के अंदर देखने को मिलता है. इस लिए सोशल मीडिया या अन्य किसी भी प्लेटफार्म पर अधिकारियों को इस तरह की टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.
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सर्विसेज कंडक्ट रूल्स- महेंद्र सिंह कहते हैं कि राजकीय सेवा में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की नियुक्ति के साथ ही उसके ऊपर राजकीय सेवा नियम लागू हो जाते हैं. इसमें स्पष्ट है कि किसी भी तरह से कोई भी राजकीय सेवा का कर्मचारी या अधिकारी न तो राजनीतिक टिप्पणी करेगा और न ही धार्मिक या जातिगत टिप्पणी करेगा. अगर वह किसी भी तरह की टिप्पणी करता है तो सर्विस कंडक्ट रूल्स के अंदर आते हैं. इसमें अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करने का भी प्रावधान है.
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