जयपुर. शनिवार का दिन वायुसेना के लिए अच्छा नहीं रहा. आज महज कुछ घंटों के भीतर 2 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गए. इसमें भरतपुर के उच्चैन एक व मध्यप्रदेश के मुरैना में दो विमान क्रैश हो गए. घटना के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया, लेकिन फिलहाल तक इस हादसे में मरने वालों व जख्मियों की सटीक कोई भी जानकारी नहीं मिली है. लेकिन इससे पहले भी कई विमान क्रैश हो चुके हैं. चलिए आज हम आपको मिग विमानों के बारे में बताते हैं. एक जमाने में इस विमान को भारतीय वायु सेना की रीढ़ माना जाता था, लेकिन आज ये विमान न तो युद्ध के लिए और न ही उड़ान के लिए ही फिट हैं.
1960 से मिग का हो रहा इस्तेमाल: वायुसेना में 1960 से ही मिग-21 विमानों का इस्तेमाल हो रहा है. पड़ोसी पाकिस्तान से साल 1971 की लड़ाई में भी मिग-21 ने पूर्वी और पश्चिमी मोर्चों पर जमकर कहर बरपाया था और पाक के नापाक मंसूबों पर फेरा पानी फेरने का काम किया था. वहीं, बालाकोट एयर स्ट्राइक को शायद ही कोई भूला हो, क्योंकि उसी एयर स्ट्राइक में विंग कमांडर अभिनंदन का प्लेन अचानक नियंत्रण खोकर पाक की सरहद में गिर गया था. ऐसे में इस विमान का सुरक्षा रिकॉर्ड बेहद ही खराब रहा है.
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2022 में बाड़मेर में हुआ था हादसा: इससे पहले पिछले साल जुलाई माह में भारतीय वायु सेना का एक और मिग-21 जेट राजस्थान के बाड़मेर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. खैर, जिस तरह मिग-21 लड़ाकू विमान हादसे का शिकार होते आ रहे हैं, उसके बाद लोगों ने इसे फ्लाइंग कॉफिन कहना शुरू कर दिया है. साथ ही इस विमान को लगातार उड़ाए जाने को लेकर भी अब सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि इसको अब तक रिटायर हो जाना चाहिए था.