जयपुर.एक तरफ जयपुर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने अपने केबिन के दरवाजे आम जनता के लिए खुले रखे हैं ताकि कोई भी पीड़ित कभी भी उनके पास आकर अपनी फरियाद सुना सकता है. जबकि दूसरी ओर कलेक्ट्रेट में दिव्यांग और बुजुर्गों को कलेक्ट्रेट बुलाकर पेंशन के लिए चक्कर कटवाए जा रहे हैं. सत्यापन के नाम पर कर्मचारी उंन्हे कलेक्ट्रेट में बुला लेते हैं. जयपुर कलेक्ट्रेट में शुक्रवार को कई ऐसे पेंशनधारी पहुंचे जिनकी सत्यापन के अभाव में पेंशन रुक गई है या अन्य किसी कारण से उन्हें पेंशन नहीं मिल रही (Pension verification on halt in collectorate) है.
रामगंज के रहने रहने वाला वसीम छोटे भाई मोहम्मद नदीम को कलेक्ट्रेट लेकर पहुंचा. नदीम पूरी तरह से दिव्यांग है, वह चलने फिरने में सक्षम नहीं है. परिजन उसे गोद में उठाकर कलेक्ट्रेट के पोर्च तक लेकर आये थे. वसीम ने बताया कि पिछले चार-पांच महीने से नदीम की पेंशन नहीं आ रही और जब कलेक्ट्रेट में संपर्क किया तो कर्मचारियों ने नदीम को कलेक्ट्रेट बुलाया था. शुक्रवार को उसे लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. वसीम ने बताया कि जब कलेक्ट्रेट में आकर पता किया तो एसडीएम और संबंधित कर्मचारी नदारद मिले. एसडीएम किसी काम से फील्ड में थे. अब उन्हें सोमवार को वापस बुलाया गया है. वसीम ने बताया कि एक तरफ पेंशन नहीं आ रही, दूसरी तरफ रिक्शा से लाने पर उनके 400 से 500 रुपए भी खर्च हो गए.
पढ़ें:राजस्थान में चिकित्सा विभाग में भर्ती के वादे अधूरे, बेरोजगार लगा रहे चक्कर...
चांदपोल के रहने वाले हनुमान सहाय ने बताया कि वह भी पिछले कई दिनों से सत्यापन के लिए कलेक्ट्रेट के चक्कर काट रहा है. उसकी भी पिछले 1 महीने से पेंशन नहीं आ रही है. आज शुक्रवार को उसे सत्यापन के लिए बुलाया गया था, लेकिन यहां कर्मचारी ही नहीं मिला. अब उसे वापस सोमवार को बुलाया गया है. उसने बताया कि उसके घुटने में दर्द है और उसे चलने फिरने में दिक्कत होती है.
नाहरी का नाका की रहने वाली एक महिला भी अपनी मां को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची. उसने बताया कि उसकी मां की पिछले 1 साल से पेंशन नहीं आ रही है. वह अपनी मां के साथ कलेक्ट्रेट के तीन से चार चक्कर काट चुकी है, लेकिन अभी तक पेंशन जारी नहीं हुई है. शुक्रवार को जन आधार कार्ड लेकर उन्हें कलेक्ट्रेट बुलाया गया था, लेकिन आज कोई कर्मचारी मौके पर नहीं मिला. अब उन्हें सोमवार को वापस बुलाया गया है.