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दिव्यांग और बुजुर्ग पेंशनधारी जिला कलेक्टर के काट रहे चक्कर, बिना सत्यापन नहीं मिल रही पेंशन

जयपुर में कई दिव्यांग और बुजुर्ग पेंशनधारी रूकी हुई पेंशन शुरू करवाने के लिए कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. सत्यापन के नाम पर इन्हें कलेक्ट्रेट बुला तो लिया जाता है, लेकिन जिम्मेदार कर्मचारी नदारद रहते हैं. इससे बुजुर्गों और दिव्यांगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता (Divyang and old age pension verification) है.

Divyang and old age pension verification on halt
दिव्यांग और बुजुर्ग पेंशनधारी जिला कलेक्टर के काट रहे चक्कर, बिना सत्यापन नहीं मिल रही पेंशन

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Published : Dec 9, 2022, 5:15 PM IST

Updated : Dec 9, 2022, 7:42 PM IST

जयपुर.एक तरफ जयपुर कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने अपने केबिन के दरवाजे आम जनता के लिए खुले रखे हैं ताकि कोई भी पीड़ित कभी भी उनके पास आकर अपनी फरियाद सुना सकता है. जबकि दूसरी ओर कलेक्ट्रेट में दिव्यांग और बुजुर्गों को कलेक्ट्रेट बुलाकर पेंशन के लिए चक्कर कटवाए जा रहे हैं. सत्यापन के नाम पर कर्मचारी उंन्हे कलेक्ट्रेट में बुला लेते हैं. जयपुर कलेक्ट्रेट में शुक्रवार को कई ऐसे पेंशनधारी पहुंचे जिनकी सत्यापन के अभाव में पेंशन रुक गई है या अन्य किसी कारण से उन्हें पेंशन नहीं मिल रही (Pension verification on halt in collectorate) है.

रामगंज के रहने रहने वाला वसीम छोटे भाई मोहम्मद नदीम को कलेक्ट्रेट लेकर पहुंचा. नदीम पूरी तरह से दिव्यांग है, वह चलने फिरने में सक्षम नहीं है. परिजन उसे गोद में उठाकर कलेक्ट्रेट के पोर्च तक लेकर आये थे. वसीम ने बताया कि पिछले चार-पांच महीने से नदीम की पेंशन नहीं आ रही और जब कलेक्ट्रेट में संपर्क किया तो कर्मचारियों ने नदीम को कलेक्ट्रेट बुलाया था. शुक्रवार को उसे लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे थे. वसीम ने बताया कि जब कलेक्ट्रेट में आकर पता किया तो एसडीएम और संबंधित कर्मचारी नदारद मिले. एसडीएम किसी काम से फील्ड में थे. अब उन्हें सोमवार को वापस बुलाया गया है. वसीम ने बताया कि एक तरफ पेंशन नहीं आ रही, दूसरी तरफ रिक्शा से लाने पर उनके 400 से 500 रुपए भी खर्च हो गए.

पेंशन के लिए क्यों चक्कर लगा रहे दिव्यांग और बुजुर्ग

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चांदपोल के रहने वाले हनुमान सहाय ने बताया कि वह भी पिछले कई दिनों से सत्यापन के लिए कलेक्ट्रेट के चक्कर काट रहा है. उसकी भी पिछले 1 महीने से पेंशन नहीं आ रही है. आज शुक्रवार को उसे सत्यापन के लिए बुलाया गया था, लेकिन यहां कर्मचारी ही नहीं मिला. अब उसे वापस सोमवार को बुलाया गया है. उसने बताया कि उसके घुटने में दर्द है और उसे चलने फिरने में दिक्कत होती है.

नाहरी का नाका की रहने वाली एक महिला भी अपनी मां को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची. उसने बताया कि उसकी मां की पिछले 1 साल से पेंशन नहीं आ रही है. वह अपनी मां के साथ कलेक्ट्रेट के तीन से चार चक्कर काट चुकी है, लेकिन अभी तक पेंशन जारी नहीं हुई है. शुक्रवार को जन आधार कार्ड लेकर उन्हें कलेक्ट्रेट बुलाया गया था, लेकिन आज कोई कर्मचारी मौके पर नहीं मिला. अब उन्हें सोमवार को वापस बुलाया गया है.

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रीड की हड्डी से परेशान एक अन्य महिला भी कलेक्ट्रेट के चक्कर काटते हुए मिली. उसने कहा कि वह भी सत्यापन के लिए चक्कर काट रही है. पहले उसे 22 गोदाम भेजा गया और उसके बाद कलेक्ट्रेट भेजा गया. यहां पिछले कई दिनों से चक्कर काट रही है लेकिन उसकी पेंशन अभी तक जारी नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि वह जयसिंह पुरा खोर से कलेक्ट्रेट आई है. बार-बार चलने से उसे दर्द होता है, लेकिन यहां कोई सुनवाई नहीं हो रही.

आपको बता दें की पेंशनधारियों का समय-समय पर सत्यापन किया जाता है. जयपुर कलेक्ट्रेट में रूम नंबर 70 में पेंशन से संबंधित सारे कार्य होते हैं. इन दिनों सत्यापन और पेंशन से संबंधित अन्य समस्याओं को लेकर लोग रूम नंबर 70 में पहुंच रहे हैं. शुक्रवार को पेंशन से संबंधित कार्य करने वाला कर्मचारी पूरे दिन नदारद रहा और लोग घंटों इंतजार करते हुए दिखाई दिए. पेंशन का सारा काम इसी एक कर्मचारी के जिम्मे रहता है, जिससे आम दिनों में भी लोगों की भीड़ लगी रहती है.

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शुक्रवार को कुछ लोग थक हार कर रूम नंबर 70 के बाहर भी बैठ गए और कुछ लोग घंटों इंतजार के बाद वापस लौट गए. कर्मचारी के नदारद रहने पर जिला प्रशासन की ओर से कोई वैकल्पिक व्यवस्था पेंशनधारियों के लिए नहीं की गई. सामाजिक पेंशनधारियों का सत्यापन ईमित्र के जरिए ऑनलाइन होता है, लेकिन यदि किसी तरह की परेशानी सत्यापन में होती है, तो ईमित्र वाले पेंशनधारियों को कलेक्ट्रेट भेज देते हैं. यहां वे चक्कर काटते रहते हैं.

Last Updated : Dec 9, 2022, 7:42 PM IST

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