जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट से जयपुर बम ब्लास्ट के अभियुक्तों को राहत मिलने के बाद राजस्थान में न केवल सियासत गरमा गई है, बल्कि आम जनता में भी रोष दिखने लगा है. अलग-अलग आ रही प्रतिक्रियाओं के बीच अब प्रदेश की गहलोत सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय किया है. शुक्रवार को देर रात तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उच्च अधिकारियों के साथ में अपने निवास पर बैठक कर मामले में विधिक जानकारी ली. बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए ट्वीट करते हुए कहा कि राज्य सरकार 2008 के जयपुर सीरियल ब्लास्ट मामले में बरी हुए आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करेगी.
अतिरिक्त महाधिवक्ता की सेवाएं समाप्त : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्य सचिव उषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव गृह आनंद कुमार, पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा, एडीजी एसओजी एटीएस अशोक राठौड़, एडीजी क्राइम दिनेश एमएन एडीजी इंटेलिजेंस एस. सेंगथिर, प्रमुख शासन सचिव विधि ज्ञान प्रकाश गुप्ता एवं सचिव गृह (विधि) रवि शर्मा मौजूद रहे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी अधिकारियों से इस पूरे मामले पर न केवल जानकारी ली, बल्कि इस बात पर मंथन किया कि आखिर बम ब्लास्ट की विशेष अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में किन कारणों से रद्द किया है. बैठक को इस बात पर भी चर्चा हुई कि क्या हाईकोर्ट में सरकार की ओर से कमजोर पैरवी रही, जिसकी वजह से ब्लास्ट के अभियुक्तों की सजा को रद्द कर दिया गया. बैठक में बम ब्लास्ट पैरवी करने के लिए नियुक्त अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेन्द्र यादव की सेवाएं समाप्त करने का निर्णय लिया.