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बजट 2019 : 5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं....साथ ही अब आधार कार्ड से भी भर सकेंगे टैक्स रिटर्न - Indian Railways

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स स्लैब में भी राहत दी है. अब 5 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं देय होगा.

5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं

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Published : Jul 5, 2019, 1:04 PM IST

नई दिल्ली.मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में जो सबसे बड़ी उम्मीद थी वो थी टैक्स स्लैब में राहत की. अब 5 लाख तक की आय पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना होगा. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने टैक्स पेयर्स का शुक्रिया किया. साथ ही कहा कि टैक्स देना हर नागरिक की पहली जिम्मेदारी है.

उन्होंने ऐलान किया कि अब ई-वाहन खरीदने पर टैक्स में छूट मिलेगा. अब इलेक्ट्रिकार पर अब 4 फीसदी टैक्स देना होगा. वहीं 400 करोड़ के टर्न ओवर वालों को अब कमर्शियल टैक्स सिर्फ 25 फीसदी देना होगा. साथ ही स्टार्ट अप को एंजल टैक्स में राहत दी गई है. साथ ही घर बेचकर स्टार्ट अप में निवेश करने पर टैक्स में छूट मिलेगी. वहीं 45 लाख रुपए तक का घर खरीदने पर 1.5 लाख तक की छूट मिलेगी. वहीं हाउसिंग लोन में 3.5 लाख रुपए तक की छूट दी गई है. पहले यह 2 लाख रुपए तक थी. वहीं सरकार ने एक और बड़ी राहत दी है. उन्होंने बताया कि जिनके पास पैन नहीं है वो अपना आधार नंबर डाल कर अपने आय और व्यय का विवरण दे सकेंगे. मतलब अब आधार से भी अपना टैक्स रिटर्न भर सकते हैं.

वहीं अगर खाते से साल भर में 1 करोड़ से ज्यादा निकासी पर 2 फीसदी टीडिएस कटेगा.साथ ही सरकार ने ऐलान किया कि लोन देने वाली कंपनियों को अब सीधा RBI कंट्रोल करेगी. सरकार ने 1 से 20 रुपये के नए सिक्कों का ऐलान किया है, जिन्हें जल्द लोगों के लिए जारी किया जाएगा.

वहीं बजट में छोटे दुकानदारों को लेकर वित्त मंत्री ने बड़ा ऐलान करते हुए उन्हें पेंशन देने की बात कही है. साथ ही महज 59 मिनट यानि कि एक घंटे से कम वक्त में लोन देने पर भी सरकार विचार कर रही है. अगर यह योजना धरातल पर आता है तो देश के करीब 3 करोड़ दुकानदारों को इसका फायदा मिलेगा.

वहीं इस बार के बजट में वित्त मंत्री ने जनसंचार में भी विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने पर विचार करने की बात कही. इसके साथ ही एविऐशन और एनिमेशन के सेक्टर में भी एफडीआई पर विचार किया जा रहा है. वहीं बीमा सेक्टर में 100 फीसदी एफडीआई पर भी सोचा जा रहा है.

भारतीय रेल के विकास के लिए भी इसमें पीपीपी मॉडल लागू करने का प्रस्ताव वित्त मंत्री की ओर से बजट में रखा गया है. ऐसा इसलिए किया गया है क्यों कि रेलवे के विकास के लिए करीब 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश की आवश्यकता है.

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