जयपुर. देहात एसीबी टीम ने कार्रवाई करते हुए रिश्वत लेते हुए एक होमगार्ड और माइनिंग विभाग के एलडीसी को रंगे हाथ ट्रैप किया है. दरअसल एक परिवादी ने एसीबी मुख्यालय में बजरी का ट्रक टोल से पार कराने और मुकदमा दर्ज नहीं करने की एवज में रिश्वत राशि मांगे जाने की शिकायत दर्ज करवाई थी. परिवादी की शिकायत का सत्यापन करने के बाद देर रात जयपुर देहात एसीबी टीम ने मनोहरपुर थाने के बाहर 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए होमगार्ड कैलाश को ट्रैप किया. वहीं इसके साथ मनोहरपुर टोल पर माइनिंग विभाग के एलडीसी भूपेंद्र को 7 हजार रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए ट्रैप किया.
जयपुर में 25 हजार की रिश्वत लेते हुए होमगार्ड और माइनिंग विभाग का एलडीसी ट्रैप
हाईकोर्ट द्वारा बजरी के खनन और परिवहन पर रोक लगाने के बावजूद भी बजरी माफिया धड़ल्ले से बजरी का अवैध खनन और परिवहन कर रहे हैं. वहीं गैरकानूनी तरीके से बजरी के ट्रक को टोल से पार करवाने और मामला दर्ज नहीं कर मोटी रकम लेने के गंदे खेल में लिप्त रिकवरी माफिया, माइनिंग विभाग और पुलिस विभाग के एक बड़े खेल का देर रात जयपुर देहात एसीबी टीम ने पर्दाफाश किया है.
एसीबी की जांच में मनोहरपुर थानाधिकारी रामसिंह, हेड कांस्टेबल रोहिताश और कांस्टेबल कानाराम व यादराम की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है. जब एसीबी टीम मनोहरपुर थाने के अंदर जाने लगी तो कार्रवाई की भनक लगते ही थानाधिकारी सहित अन्य पुलिसकर्मी अपना फोन बंद कर वहां से भाग निकले. एसीबी की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि गिरफ्त में आया होमगार्ड प्राइवेट दलाल के रूप में माइनिंग विभाग और पुलिस से सांठगांठ कर बजरी के ट्रक को टोल से पास कराने के खेल में लिप्त पाया गया है. बजरी के इस पूरे खेल में रिकवरी एजेंट टोल से पहले बजरी से भरे ट्रक को रोक देते और फिर टोल से पार करवाने, कार्रवाई नहीं होने का आश्वासन देते हुए 50 हजार रुपए की मांग करते था. रिकवरी एजेंट द्वारा मांगी गई राशि नहीं देने पर मनोहरपुर थाने के पुलिसकर्मी उस ट्रक को जप्त कर लेते और माइनिंग विभाग को लिखित में कोई भी शिकायत नहीं दी जाती. इसके बाद उस ट्रक चालक से सौदेबाजी कर रिश्वत राशि लेकर ट्रक को छोड़ दिया जाता था. फिलहाल इस पूरे प्रकरण में अभी एसीबी की जांच जारी है.