हनुमानगढ़.लॉकडाउन के कारण जब पूरी दुनिया थमी हुई है. इस बीच सरकारी आदेश के बाद से ही सभी धार्मिक स्थल बन्द हैं. जिसका खामियाजा सीधे-सीधे धार्मिक स्थलों को संभाल रहे पुजारियों और मौलवियों को भुगतना पड़ रहा है. माना जाता है की नवरात्रि, हनुमान जयंती और फिर अक्षय तृतीया ये सभी पर्व धार्मिक और दान-दक्षिणा के लिहाज से काफी मत्वपूर्ण होते हैं. लेकिन लॉकडाउन में सब सूने गुजर गए. ना मंदिरों में पूजा पाठ हो रहा है और ना ही पुजारियों को पूजा पाठ के लिए बुलाया जा रहा है. ऐसे में पुजारियों और मौलवियों के परिवारों की आवाज सरकारों तक पहुंचाने के लिए ETV भारत की टीम ने इन परिवारों के हालात जानने चाहे की आखिर वो कैसे अपना जीवन निर्वहन कर रहे हैं.
जब ईटीवी भारत हनुमानगढ़ टाउन स्थित बाबा रामदेव मंदिर और गोगामेड़ी मंदिर पहुंचा तो वहां बचपन से संभाल रहीं पार्वती और गोमती देवी से इस बारे में बात की तो उनकी पीड़ा कुछ यूं छलक कर सामने आई. पार्वती और गोमती बताती हैं कि बीते 90 दिन से मंदिर में श्रद्धालु नहीं आ रहे हैं. पुलिस की सख्ती के कारण मंदिरों में होने वाले आयोजन पूरी तरह से बंद हैं. चढ़ावा और दान ना आने से अब जीवन यापन करने में मुश्किल आ रही है. ऐसे में सरकार को प्रमुखता से पहल कर उन्हें आर्थिक मदद करनी चाहिए या मंदिर के पट खोले जाएं ताकि उनकी जिंदगी पटरी पर आ सके.