डूंगरपुर.आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिला. यह राजस्थान का पिछड़ा इलाका भी माना जाता है. खेतीबाड़ी के लिहाज से भी यहां कुछ खास नहीं होता. लेकिन कुछ एक उन्नत किसान हिम्मत दिखाकर व्यावसायिक खेती कर भी दे, तो उनके लिए अच्छा बाजार नहीं मिलता. ऐसी परेशानियों से यहां का किसान पहले ही जूझता रहा है, लेकिन कोरोना वायरस की मार के बाद यहां का किसान टूट से गया है.
किसानों ने जैसे-तैसे कर पैसों का इंतजाम किया. सब्जियों का अच्छा बीज खरीदकर लाए, ताकि अच्छी सब्जियों की पैदावार से आर्थिक स्तर ऊंचा कर सके, लेकिन एक ही झटके में कोरोना वायरस की महामारी ने उनके पूरे अरमान तोड़ दिए. तीन महीने पहले की गई सब्जी के पौधे बड़े हुए और अब सब्जियां लगना शुरू हुई, तो कोरोना के कहर के कारण इन सब्जियों का कोई दाम नहीं मिल रहा है. ऐसे में पौधा खरीदने से लेकर उसे रोपने, सार-संभाल में जो खर्च हुआ. वो भी किसानों को वापस नहीं मिल रहा है.
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कलर फूल शिमला मिर्च ने रुलाया
किसान नीलेश कलाल बताते है कि इस बार शिमला मिर्च के अच्छे दाम मिलने की उम्मीद में बड़ी मात्रा में शिमला मिर्च की थी. इसके लिए अच्छी किस्म के कलरफुल शिमला मिर्च की थी, जो हरी, लाल-पीले कलर की थी. लेकिन कोरोना के कारण लॉकडाउन हुआ और अब सब्जियों के कोई खरीदार नहीं रहे.