डूंगरपुर. कोरोना की दूसरी लहर अब तक सबसे घातक साबित हो रही है. कोरोना बुजुर्गों और बीमारियों से ग्रसित लोगों के साथ ही युवाओं के लिए जानलेवा बन चुकी है. कोरोना काल में अब तक सबसे ज्यादा पॉजिटिव केस अप्रैल महीने में सामने आए हैं. साथ ही कोरोना के कारण सबसे ज्यादा मौतें भी अप्रैल महीने में ही हुई है.
अप्रैल महीने में कोरोना के रिकॉर्ड मामले आए सामने पढ़ें-Rajasthan Corona Update : राजस्थान में कोरोना संक्रमण के 16438 पॉजिटिव केस, 84 मरीजों की मौत
आंकड़ों की बात की जाए तो अप्रैल महीने में कोरोना के रिकॉर्ड मामले सामने आए हैं. अप्रैल महीने में हर दिन कोरोना नए रिकॉर्ड बना रहा है तो डूंगरपुर जिला भी प्रदेश के उन टॉप 10 जिलों में शामिल है, जहां सबसे ज्यादा संक्रमण के हालात हैं. बता दें, डूंगरपुर जिले में पिछले 25 दिनों में रिकॉर्ड 6324 कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए हैं, जबकि 120 लोगों की मौत हुई है. प्रतिदिन औसत 253 नए पॉजिटिव केस और 4 से 5 लोगों की मौत कोरोना की वजह से हो रही है.
2300 से ज्यादा एक्टिव केस...
जिले में वर्तमान में 2300 से ज्यादा एक्टिव केस है, जिसमें से करीब 160 मरीज डूंगरपुर जिला कोविड अस्पताल और 50 मरीज सागवाड़ा कोविड केयर सेंटर में भर्ती है. इसके अलावा करीब 2100 से ज्यादा संक्रमित मरीज अपने घरों पर ही होम आइसोलेट हैं, जिन्हें चिकित्साकर्मियों की ओर से दवाइयां दी जा रही है. डूंगरपुर कोविड अस्पताल में करीब 250 बेड की सुविधा उपलब्ध है, जिसमें से अभी करीब 100 बेड खाली है.
युवाओं के मौत का आंकड़ा बढ़ा
कोरोना की दूसरी लहर खासकर युवाओं के लिए घातक साबित हो रही है. कोरोना वैक्सीनेशन के बाद 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोग उस खतरे से बाहर हो गए. कलेक्टर ने बताया कि 45 वर्ष से कम उम्र के युवाओं के संक्रमित होने का आंकड़ा 60 प्रतिशत से अधिक है, जबकि पिछले 3 से 4 दिनों में इसी उम्र के युवाओं की मौत ज्यादा हुई है. कलेक्टर ने बताया कि जिले में 10 से 12 फीसदी पॉजिटिविटी रेट चल रही थी, जो अप्रैल महीने में अचानक से बढ़कर 16 फीसदी से ज्यादा हो गई है.
अप्रैल महीने में कोरोना का आंकड़ा देरी के कारण फेफड़ों में संक्रमण और फिर मौत...
जिला कलेक्टर ने कहा कि शहर के साथ-साथ अब ग्रामीण इलाकों में भी बड़ी संख्या में पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं. इसका कारण यह है कि लोग कोरोना के लक्षण के बाद भी समय पर सैंपल और इलाज नहीं करवाते हैं. इस कारण मरीज के फेफड़ों में संक्रमण फैल जाता है और ऑक्सीजन लेवल 50 से 60 तक हो जाता है. ऐसी स्थिति में मरीज की मौत हो जाती है. वहीं, कलेक्टर ने बुखार या किसी भी तरह के लक्षण आने पर तुरंत जांच करवाने की मांग रखी है.
जिला कलेक्टर ने कोविड अस्पताल का किया निरीक्षण
डूंगरपुर जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने सोमवार को कोविड अस्पताल पहुंचे और व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इसके बाद अधिकारियों को निर्देश भी दिए. अधिकारियों ने कोविड अस्पताल पंहुचकर मरीजों की कुशलक्षेम पूछी. साथ ही अस्पताल में मिल रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली. अस्पताल में साफ-सफाई तो अच्छी थी लेकिन मरीजों की ओर से एक बेड के आसपास कचरा पड़ा हुआ देख संक्रमण बढ़ने को लेकर चिंता जाहिर की.
जिला कलेक्टर ने अस्पताल का किया निरीक्षण मातृ-शिशु अस्पताल में नर्स का पर्स चोरी
डूंगरपुर जिला अस्पताल परिसर में स्थित मातृ-शिशु अस्पताल में सोमवार को एक महिला नर्स का पर्स चोरी हो गया, जिसमें कैश और कई जरूरी कागजात थे. पर्स चोरी करने वाली महिला अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज में भी नजर आ रही है. घटना को लेकर महिला नर्स ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है, जिसमें पर्स में कैश ओर जरूरी दस्तावेज के साथ घर की चाबियां होने के बारे में जानकारी दी गई है. फिलहाल, पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चोरी करने वाली महिला की तलाश कर रही है.