बाड़ी(धौलपुर).जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा के निर्देश पर जिलेभर में अपराध नियंत्रण के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत राजेंद्र वर्मा अतिरिक्त अधीक्षक और भूपेंद्र शर्मा आरपीएस वृत्ताधिकारी सरमथुरा के निर्देशन में कार्यवाही के दौरान नादनपुर थाना पुलिस ने सेना भर्ती में भर्ती कराने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. साथ ही ठगी करने वाले फर्जी कर्नल और उसके दो साथियों को कड़ी मशक्कत के बाद गिरफ्तार किया. आरोपी नाकाबंदी तोड़कर कार से भाग निकले थे जिसके बाद पुलिस ने घेराबंदी कर के आरोपियों को दबोच लिया.
ठगी करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार नादनपुर थाना प्रभारी लाखन सिंह ने बताया कि जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में चलाए जा रहे अभियान के दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि नादनपुर की ओर से एक मोबिलियो होंडा कार में सेना के ड्रेस में दो तीन व्यक्ति है जो सेना में भर्ती के नाम पर लोगों से रुपए ऐठने का काम करते है. उक्त सूचना पर तत्काल ही सहायक उपनिरीक्षक छिद्दा सिंह के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल जगदीश प्रसाद, कांस्टेबल प्रदीप सिंह, देवेंद्र, भैरव सिंह के साथ चालक मानिकचंद को शामिल करते हुए टीम गठित कर आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए जोरिया तिराहे पर नाकाबंदी शुरू कराई गई.
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वहीं नाकाबंदी के दौरान पुलिस टीम ने सामने से आती हुई कार को रुकने का इशारा किया जिस पर कार चालक नाकेबंदी को तोड़ते हुए भाग निकला. पुलिस ने कार का पीछा करते हुए उसे बाबरीपुरा गांव के पास घेराबंदी कर दबोच लिया. वहीं कार में कर्नल की वर्दी पहने तीन लोग सवार थे. जिनसे पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम संतोष पुत्र रामशंकर शर्मा निवासी जाजपुर थाना फतेहाबाद जिला आगरा उत्तर प्रदेश, संजय शर्मा पुत्र टीकम चंद शर्मा निवासी गढ़ीपाल सिंह का पुरा थाना फतेहाबाद जिला आगरा उत्तर प्रदेश और कल्याण उर्फ कालीचरण पुत्र मेघ सिंह निषाद निवासी विलई पुरा मजरा चमरोली थाना निगोरा जिला आगरा उत्तर प्रदेश बताया.
पुलिस को उनके पास से विवेक सिंह के नाम से ड्राइविंग लाइसेंस, आर्मी का फर्जी पहचान पत्र, मोबाइल फोन, सिम कार्ड, न्यू आर्मी और आर्मी की पैम्पलेट, सेना के फोटोग्राफ्स, बुकलेट के साथ आर्मी की वर्दी मिली है. जिस पर पुलिस ने बिना नंबर की कार को जब्त कर तीनों आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है. थाना प्रभारी लाखन सिंह ने बताया कि पकड़े गए तीनों आरोपी सेना के उच्चाधिकारी की वर्दी पहनकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों से मोटी रकम लेकर एकेडमी में भर्ती कराने की कहकर तीन लाख रुपए लेकर एडमिशन कार्ड और फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देते थे. आरोपी प्रभाव जमाने के लिए सेना के अधिकारियों की वर्दी में फोटोग्राफ और आई कार्ड को साथ रखते थे.