जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दौसा के लालसोट में महिला चिकित्सक की आत्महत्या के मामले में दौसा जिले के एसपीअनिल कुमार को हटाने, लालसोट एसएचओ को निलंबित करने और वृत्ताधिकारी को एपीओ करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही संभागीय आयुक्त दिनेश कुमार यादव को मामले की प्रशासनिक जांच करने के निर्देश दिए है. गहलोत ने बुधवार शाम को मुख्यमंत्री निवास पर हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्देश दिए .बैठक में निर्णय लिया गया कि इस घटना में महिला चिकित्सक को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वालों पर मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाए .
सीएम ने बनाई कमेटी
मुख्यमंत्री ने इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने और आवश्यक सुझाव देने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं. इस कमेटी में शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा, पुलिस एवं विधि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा चिकित्सक शामिल होंगे. यह कमेटी सभी कानूनी पहलुओं का अध्ययन कर एक गाइडलाइन प्रस्तुत करेगी, जिसे प्रदेशभर में लागू किया जाएगा.
बैठक में मुख्यमंत्री ने महिला चिकित्सक डॉ. अर्चना शर्मा की ओर से आत्महत्या की घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में चिकित्सकों को ईश्वर के समान दर्जा दिया गया है. वे रोगियों की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं. इसके बावजूद कई बार अप्रिय घटना होने पर डॉक्टर को अनावश्यक रूप से दोषी ठहराना न्यायोचित नहीं है. यदि ऐसा होगा तो चिकित्सक पूरे समर्पण के साथ अपना दायित्व कैसे निभा पाएंगे. गहलोत ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान चिकित्सकों एवं नर्सिंगकर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई थीं. ऐसे चिकित्सकों से इस प्रकार का बर्ताव बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. उल्लेखनीय है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल ने इस प्रकरण में दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई को लेकर गहलोत से बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर मुलाकात की थी.
सीएम बोले किसी को नहीं बख्शेंगे: दौसा जिले में महिला डॉक्टर के आत्महत्या करने के मामले में और धौलपुर के बाड़ी में विद्युत कर्मचारियों के साथ मारपीट के प्रकरण को लेकर प्रदेश की गहलोत सरकार घिरी हुई है. विपक्ष के बढ़ते हमलों के बीच सीएम अशोक गहलोत ने साफ कर दिया कि मामला चाहे दौसा का हो या फिर धौलपुर का जो भी दोषी पाया जाएगा उसे किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.
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धौलपुर पुलिस अधीक्षक को हटाने के निर्देशः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धौलपुर में बिजली विभाग के कार्मिकों के साथ हुई मारपीट के प्रकरण में धौलपुर के पुलिस अधीक्षक शिवराज मीणा को हटाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही, उन्होंने पुलिस के उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मामले में दोषियों की अतिशीघ्र पहचान कर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है . कर्तव्य निर्वहन कर रहे राजकीय कार्मिकों के साथ इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान बिजली जैसी अत्यावश्यक सेवा से जुड़े राजकीय कर्मचारियों ने अपना जीवन दांव पर लगाकर प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई . ऐसे कार्मिकों के साथ मारपीट कर कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को भी नहीं है.
एसएमएस पहुंचे सीएम गहलोतः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार रात सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंच कर धौलपुर में मारपीट के शिकार हुए विद्युत अभियंता से जाकर मुलाकात की और चिकित्सकों से उनकी कुशलक्षेम पूछी. साथ ही उनके उपचार के लिए विशेष निर्देश दिए . गहलोत ने कहा कि कर्मचारी दिन रात अपनी जान जोखिम में डाल कर राज काज के कार्य को करता है. उसकी और उसके मान सम्मान की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता में है. उन्होंने कहा कि मैं धौलपुर के पीड़ित से मिला हूं उनको गहरी चोटें आई हैं. पीड़ित के इलाज के लिए आवश्यक निर्देश चिकित्सकों को दे दिए हैं , उपचार में किसी तरह की कोई कोताही नही बरती जाएगी.