धौलपुर. सीएम गहलोत ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. वहीं, ईआरसीपी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी से हाथ जोड़कर अपील की है. धौलपुर में शुक्रवार को बाढ़ के हालातों का जायजा (Ashok Gehlot Dholpur Visit) लेने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है. कोटा, झालावाड़ और धौलपुर में सरकार, सेना और एसडीआरएफ के साथ सिविल डिफेंस लगातार आपदा से मुकाबला कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि राहत और गनीमत की बात यह रही है कि कोई भी जनहानि नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि बाढ़-आपदा में लोगों के मकान (Heavy Rain in Dholpur) धराशाई हुए हैं, साथ में फसल का भी नुकसान हुआ है. पीड़ित परिवारों का सरकार सर्वे कराएगी और उचित मुआवजा दिलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि धौलपुर में चंबल किनारे बसे लोगों को पट्टे उपलब्ध कराए जाएंगे. पट्टा प्रक्रिया सरकार की पहली प्राथमिकता पर रहेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित परिवारों को खाद्य सामग्री वितरित की जा रही है. सरकार पूरी तरह से मदद प्रदान करेगी.
ईआरसीपी योजना के लिए प्रधानमंत्री पर बनाया जा रहा दबाव : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि धौलपुर, कोटा, झालावाड़ और सवाई माधोपुर आज ऐसे जिले हैं, जो बरसाती सीजन में बाढ़ से प्रभावित होते हैं. उन्होंने केंद्र सरकार पर (CM Gehlot Alleged Modi Government) हमला बोलते हुए कहा कि ईआरसीपी योजना भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने लागू की थी. लेकिन भारत सरकार इस योजना को धरातल पर नहीं आने दे रही है.
उन्होंने कहा कि इस परियोजना को लेकर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था. उसके बावजूद भी प्रधानमंत्री परियोजना को लेकर शांत बैठे हैं. राजस्थान प्रदेश से केंद्र सरकार में मंत्री भागीदारी निभा रहे हैं, लेकिन वह भी परियोजना को लेकर गंभीर नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी परियोजना से (Politics on ERCP) पूरे पश्चिमी राजस्थान में राहत मिली है. उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए 9000 करोड़ का बजट राजस्थान सरकार ने अलग से रखा है. लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि भारत सरकार काम को रोक रही है.