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खबर का असर : 10 साल से बेड़ियों में जकड़े 'कैलाश' को मिलेगी नई जिंदगी

दौसा में ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. दरअसल, कुछ दिन पहले सामाजिक दायित्व को निभाते हुए एक खबर प्रमुखता से प्रसारित की गई थी. खबर प्रसारित होने के बाद दौसा प्रशासन हरकत में आया और मानसिक रुप से पीड़ित व्यक्ति को इलाज के लिए भिजवाया.

दौसा में ईटीवी भारत की खबर का असर

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Published : Jul 25, 2019, 6:13 PM IST

दौसा.ईटीवी भारत की खबर के असर से बीते 10 सालों से बेड़ियों में जकड़े कैलाश को अब नई जिंदगी मिल सकती है. मानसिक रुप से पीड़ित कैलाश की खबर चलने के बाद प्रशासन हरकत में आया. प्रशासन ने कैलाश को जयपुर स्थित मनो चिकित्सालय भिजवाया.

बता दें कि बीते 19 जुलाई को ईटीवी भारत ने दौसा के नाहर खोरा गांव में मानसिक रुप से बीमार कैलाश की खबर प्रसारित की थी. कैलाश पिछले 10 साल से बेड़ियों में जकड़कर जानवरों से बदत्तर जिंदगी जी रहा था. इसकी पीड़ा को देखते हुए हमारे संवाददाता ने इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित करवाया था. इस खबर के प्रसारित होने के बाद दौसा प्रशासन हरकत में आया. कैलाश की जानकारी लेने के बाद प्रशासन ने उसे जयपुर स्थित मनो चिकित्सालय में इलाज के भर्ती करवाया.

मामले को लेकर सिकराई उपखंड अधिकारी हरिताभ आदित्य का कहना है कि खबर से पता चला कि सिकराई के नाहर खोरा में मानसिक रुप से बीमार व्यक्ति पिछले 10 सालों से बेड़ियों में जकड़ा जानवरों की जिंदगी जी रहा है. उसके बाद ब्लॉक सीएमएचओ सहित चिकित्सकों की टीम और पंचायत समिति विकास अधिकारी को मौके पर भेजकर हालात का जायजा करवाया. कैलाश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उसे चिकित्सा विभाग की टीम के साथ में इलाज के लिए भिजवाया है.

दौसा में ईटीवी भारत की खबर का असर

वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नांदरी के चिकित्सा प्रभारी अमित का कहना है कि खबर चलने के बाद उन्हें जानकारी मिली थी की कैलाश आर्थिक तंगी के चलते अपना इलाज नहीं करवा पा रहा है. बीते 10 सालों से बेड़ियों में बंधे होने के कारण काफी आक्रामक भी हो गया है. कैलाश को गुरुवार को चिकित्सकों की टीम के साथ में जयपुर मनो चिकित्सालय के लिए भिजवा दिया गया है.

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