दौसा.गुजरात के वड़ोदरा में तैयार की गई 108 फीट की अगरबत्ती 1 जनवरी को वड़ोदरा से रवाना हुई, जो 13 जनवरी को रथ यात्रा के रूप में अयोध्या पहुंचेगी. इस दौरान रथ में सवार औषधी युक्त अगरबत्ती जिस स्थान से होकर गुजरती है. वहां के लोग अगरबत्ती का पूजन करने के लिए तैयार खड़े मिलते हैं. वहीं संबंधित थाना क्षेत्र की पुलिस रथ को दूसरे थाना क्षेत्र तक छोड़ने का काम करती है. रविवार को अगरबत्ती रथ यात्रा दौसा जिले में पहुंची. इस अवसर पर जिले में दर्जनों जगह राम भक्तों ने रथ को रुकवाकर अगरबत्ती का पूजन किया.
दौसा जिले के मेहंदीपुर बालाजी में स्थित पाड़ली मोड़ के पास रथ पहुंचते ही भक्तों ने श्री राम के जयकारों के साथ रथ यात्रा का स्वागत किया. साथ ही अगरबत्ती निर्माता राम भक्त वड़ोदरा निवासी विहा भाई बरवाड़ का माला और साफा पहनाकर स्वागत किया. इस दौरान 108 फीट अगरबत्ती के निर्माता वीहा भाई बरवाड़ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
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108 फीट की अगरबत्ती नहीं, 108 कुंडिय यज्ञ है: अगरबत्ती के निर्माता विहा भाई बरवाड़ ने बताया कि हजारों साल से हमारे ऋषि मुनि और राम भक्तों को इंतजार था कि भगवान राम कब अपने निजी स्थान में पधारेंगे. अब ये इंतजार 22 जनवरी को खत्म होने जा रहा है. सभी राम भक्तों को इस सुनहरे पल का इंतजार है. इस पल को यादगार बनाने के लिए हमने भगवान राम के लिए 108 फिट लंबी औषधीय युक्त अगरबत्ती का निर्माण किया है. ये सिर्फ 108 फीट लंबी अगरबत्ती नहीं है, ये 108 कुंडिय हवन यज्ञ भी है. जितनी भी सामग्री हवन कुंड में लगती है, उतनी सामग्री इस अगरबत्ती को बनाने में लगी है.
3657 किलो हवन सामग्री से तैयार की है अगरबत्ती: विहा भाई बरवाड़ ने बताया कि अगरबत्ती की पवित्रता को ध्यान में रखते हुए अगरबत्ती निर्माण में 374 किलो गुगल, 374 किलो गोला, 280 किलो जौ, 191 किलो गाय का घी, 108 किलो गुगल परफ्यूम, 475 किलो विभिन्न प्रकार की हवन सामग्री सहित अन्य सामग्रियों को मिलाकर कुल 3657 किलो सामग्री को अगरबत्ती बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया है.