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चूरू: घटिया निर्माण सामग्री के चलते ढहा डूंगराणा जोहड़, ग्रामीणों ने जताया विरोध

रतनगढ़ तहसील के ग्राम नूंवा में जलग्रहण उप समिति के तहत आईडब्ल्यूएमपी योजना चूरू 34 के अन्तर्गत डूंगराणा जोहड़ का निर्माण हुआ था, लेकिन घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग के चलते जोहड़ की दीवार गिर गई. प्रशासन ने इसकी मरम्मत के आदेश दिए थे, लेकिन ग्रामीणों ने मौके पर पहुंच कर इसको रुकवा दिया और अधिकारियों से मौके पर आने की मांग की.

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Published : Aug 24, 2020, 4:04 PM IST

Updated : Aug 24, 2020, 4:12 PM IST

villagers protest, Dungrana Johar collapsed
घटिया निर्माण सामग्री के चलते ढहा डूंगराणा जोहड़

रतनगढ़ (चूरू).क्षेत्र में जल ग्रहण उप समिति द्वारा करवाए गए कार्यों में सरकारी अधिकारी व ठेकेदार की मिली भगत से घटिया निर्माण करवाकर सरकार को लाखों की राजस्व हानि पहुंचाने का मामला ETV भारत ने प्रमुखता से दिखाया था. उसके बाद स्थानीय प्रशासन व संबंधित अधिकारी हरकत में आए और संबंधित ठेकेदार को नोटिस जारी कर जोहड़ की मरम्मत करने के आदेश दिए थे.

घटिया निर्माण सामग्री के चलते ढहा डूंगराणा जोहड़

प्रशासन की लताड़ के बाद सोमवार को ठेकेदार के मजदूर जोहड़ की मरम्मत के लिए गांव नूंवा में पहुंचे. जहां पर ग्रामीण पूरा जोहड़ दुबारा बनाने और अधिकारियों को मौके पर बुलाने की बात पर अड़ गए. साथ ही प्रदर्शन कर निर्माण कार्य को रुकवा दिया.

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रतनगढ़ तहसील के ग्राम नूंवा में जलग्रहण उप समिति के तहत आईडब्ल्यूएमपी योजना चूरू 34 के अन्तर्गत 19.75 लाख रुपये की लागत से 6 माह पूर्व डूंगराणा जोहड़ का निर्माण हुआ था, लेकिन गुणवत्ता की कमी की वजह से मानसून की हुई बरसात में मिलावट व घटिया निर्माण की पोल खुल गई. जोहड़ की एक साइड की लगभग 10 से 15 फीट लंबी दीवार बिना नींव के बनाई गई थी, जो ढह गई.

आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया कि जोहड़ के निर्माण कार्य में सीमेंट की जगह मिट्टी व घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है, जिससे जोहड़ का पायदान भी मजबूत नहीं है, जिसकी वजह से 24 घंटे में 2 फीट पानी नीचे बैठ गया है. जोहड़ की दीवार को फिर पानी में ही बनाकर उस पर लीपापोती की जा रही है. इस पर आक्रोश व्यक्त करते हुए ग्रामीणों ने सोमवार को ठेकेदार के कार्य को रुकवा दिया.

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गौरतलब है कि जल ग्रहण समिति द्वारा किए गए कार्यों में आए दिन आ रही शिकायतों से लगता है कि इस तरह भ्रष्टाचार करने वाले ठेकेदारों की उच्च अधिकारियों तक अच्छी पकड़ है, जिसके कारण वह घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग कर जनता की गाढ़ी कमाई मिट्टी में मिला रहे हैं. जब तक सरकार के उच्च अधिकारी इनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे, तब तक यह सरकार को करोड़ों की राजस्व हानि पहुंचा चुके होंगे.

गांव के जगदीश प्रसाद ने कहा कि गुणवत्ता की कमी की वजह से मानसून की हुई बरसात में मिलावट व घटिया निर्माण की पोल खुल गई. वहीं अमर सिंह ने बताया कि जोहड़ की एक साइड की लगभग 10 से 15 फिट लंबी दीवार बिना नींव के बनाई गई थी, जो ढह गई. वहीं अमर सिंह कच्छावा का कहना है कि अब जोहड़ की दीवार को फिर पानी में ही दीवार बनाकर उसपर लीपापोती की जा रही है.

Last Updated : Aug 24, 2020, 4:12 PM IST

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