राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

चूरू : पुरानी पेंशन को लेकर शिक्षकों ने प्रदर्शन कर जताया विरोध

जिला कलेक्ट्रेट पर राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ के बैनर तले शिक्षकों ने धरना देकर प्रदर्शन किया. शिक्षकों ने लंबे समय से चल रही अपनी लंबित मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

teachers protest for old pension, churu latest hindi news
प्रदर्शन करते शिक्षक...

By

Published : Dec 28, 2020, 10:29 PM IST

चूरू.जिला कलेक्ट्रेट पर राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ के बैनर तले शिक्षकों ने धरना देकर प्रदर्शन किया. शिक्षकों ने लंबे समय से चल रही अपनी लंबित मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. संघ के प्रदेश संयोजक अजय पंवार ने बताया कि जुलाई 2011 में तत्कालीन गहलोत सरकार ने अनुदानित शिक्षण संस्थाओं के लगभग 15 हजार से अधिक कार्मिकों को निजी प्रबंधन के शोषण से मुक्त कर राजस्थान स्वैच्छिक ग्रामीण शिक्षा सेवा नियम, 2010 द्वारा राजकीय विद्यालयों और महाविद्यालयों में समायोजन किया.

राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ के बैनर तले शिक्षकों ने धरना देकर प्रदर्शन किया...

लेकिन, समायोजन के बाद भी हमारी शेष मांगें हैं, जैसे पुरानी पेंशन, पदोन्नति, पूर्ण ग्रामीण सेवा काल में छूट. उन्होंने कहा कि राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी वेलफेयर सोसाइटी अजमेर के माध्यम से जुलाई 2012 में राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर खंडपीठ की डबल बेंच में याचिका दायर की थी. जिस पर 6 वर्ष के कठिन संघर्ष के बाद उच्च न्यायालय ने 1 फरवरी 2018 को सोसायटी के पक्ष में निर्णय देते हुए राज्य सरकार को पुरानी पेंशन लागू करने हेतु आदेश जारी किया था. तत्कालीन भाजपा सरकार तथा वर्तमान राजस्थान सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं की.

पढ़ें:निजी स्कूलों को बंद करने पर तुली है गहलोत सरकार, RTE का पैसा भी रोका : प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरुद्ध राजस्थान उच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करना, यह साबित करता है कि राज्य सरकार पुरानी पेंशन के आदेश को लागू न कर मामले को लंबित कर उलझाना चाहती है. जबकि, उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरुद्ध किसी भी न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करना उचित नहीं होता. उन्होंने कहा कि सत्ता के मद व घमंड में चूर राज्य सरकार लोक कल्याणकारी सिद्धांतों को भूलकर हजारों सेवानिवृत्त कार्मिकों को परेशान कर रही है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details