चूरू.जिला कलेक्ट्रेट पर राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ के बैनर तले शिक्षकों ने धरना देकर प्रदर्शन किया. शिक्षकों ने लंबे समय से चल रही अपनी लंबित मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. संघ के प्रदेश संयोजक अजय पंवार ने बताया कि जुलाई 2011 में तत्कालीन गहलोत सरकार ने अनुदानित शिक्षण संस्थाओं के लगभग 15 हजार से अधिक कार्मिकों को निजी प्रबंधन के शोषण से मुक्त कर राजस्थान स्वैच्छिक ग्रामीण शिक्षा सेवा नियम, 2010 द्वारा राजकीय विद्यालयों और महाविद्यालयों में समायोजन किया.
लेकिन, समायोजन के बाद भी हमारी शेष मांगें हैं, जैसे पुरानी पेंशन, पदोन्नति, पूर्ण ग्रामीण सेवा काल में छूट. उन्होंने कहा कि राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी वेलफेयर सोसाइटी अजमेर के माध्यम से जुलाई 2012 में राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर खंडपीठ की डबल बेंच में याचिका दायर की थी. जिस पर 6 वर्ष के कठिन संघर्ष के बाद उच्च न्यायालय ने 1 फरवरी 2018 को सोसायटी के पक्ष में निर्णय देते हुए राज्य सरकार को पुरानी पेंशन लागू करने हेतु आदेश जारी किया था. तत्कालीन भाजपा सरकार तथा वर्तमान राजस्थान सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं की.