चूरू. विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने लॉकडाउन के तीसरे चरण पर अशोक गहलोत सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की जंग में कांग्रेस में आपस में खींचतान हो गई है. सचिन पायलट जहां प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए संभाग स्तर पर टीमों का गठन कर रहे हैं तो वहीं मुख्यमंत्री गहलोत जिला कलेक्टरों पर दबाव बना रहे हैं कि वे प्रवासियों को घर लौटाने के मामले में प्रोएक्टिव ना रहकर ज्यादा सक्रियता नहीं दिखाएं.
राजेंद्र राठौड़ ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि प्रवासी मजदूरों को राजस्थान लाने के मामले में पहले जहां प्रदेश की गहलोत सरकार ने केंद्र सरकार पर नीति नहीं बनाने का आरोप लगाया. अब केंद्र सरकार ने ट्रेन व दूसरी सुविधाएं मुहैया करवाई है. उसके बाद भी लोग राजस्थान गहलोत सरकार ने किसी तरह का प्रबंध नहीं कर रही है. प्रदेश के 16 लाख लोगों ने घर आने के लिए पंजीयन करवाया है, लेकिन सरकार प्रवासियों को घर पहुंचाने में नाकामयाब रही है. सरकार की लापरवाही है और जो घर नहीं लौट पा रहे हैं. उनके साथ एक तरह से अन्याय है.
कृषक कल्याण टैक्स जजिया कर
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजस्व बढ़ाने के लिए प्रदेश में शराब की दुकानें खोल दी गई है, लेकिन यह दुकाने शर्तों के साथ खोलने की अनुमति देनी चाहिए थी. शराब की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही है. किसान कल्याण टैक्स से किसानों और व्यापारियों को बड़ा नुकसान होगा.
यह भी पढ़ें.विदेशों में फंसे राजस्थानी स्टूडेंट्स से विदेश राज्य मंत्री और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष करेंगे संवाद