चूरू.सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री मा. भंवरलाल मेघवाल का लंबी बिमारी के पश्चात सोमवार को गुड़गांव के मेदांता हॉस्पीटल में देर शाम निधन हो गया. मेघवाल के निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी. राजस्थान की राजनीति में दबंग राजनेता और कुशल प्रशासक रहे मेघवाल का जन्म दो जुलाई 1948 को उपखंड के गांव बाघसरा पूर्वी में चूनाराम मेघवाल के यहां हुआ.
15 मई 1965 को मेघवाल की शादी केशरदेवी मेघवाल से हुई. मेघवाल दपंति के दो पुत्री और एक पुत्र मनोज है. एक पुत्री पूर्व जिला प्रमुख और एआईसीसी सदस्या डॉ. बनारसी मेघवाल का गत 29 अक्टूबर को निधन हो गया था. बेटी बनारसी के निधन के पश्चात कार्यकर्ताओं की मांग पर पंचायत समिति सदस्य का नामाकंन दाखिल करने वाली केशरदेवी मेघवाल निर्विरोध निर्वाचित हुई.
राजनीति में आने से पहले मा. भंवरलाल मेघवाल सरकारी अध्यापक थे और वे सुजानगढ़ के राजकीय गणेशीराम झंवर विद्यालय में बतौर पीटीआई कार्यरत थे. सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अनुसचित जाति के लिए आरक्षित होने के पश्चात 1977 में शिक्षक की नौकरी से इस्तीफा देकर मेघवाल ने अपना पहला चुनाव लड़ा और पहली बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. राजस्थान की राजनीति के दिग्गज दलित नेता रहे मा. भंवरलाल ने पहले चुनाव में हार के पश्चात 1980 में जीत का स्वाद चखा था. उसके बाद से वे पक्ष में रहे चाहें विपक्ष में लगातार क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहें थे.
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