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चित्तौड़गढ़: कोरोना को लेकर स्वैच्छिक लॉकडाउन, व्यापारियों ने बन्द रखे प्रतिष्ठान

चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर जिले में बढ़ते कोरोना संंक्रमण को देखते हुए रविवर को व्यापारियो ने स्वैच्छिक लॉकडाउन रखा. इस दौरान व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे. वहीं कुछ दुकानदारों ने लॉकडाउन को न मानते हुए अपनी दुकानें खोली.

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स्वैच्छिक लॉकडाउन

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Published : Oct 4, 2020, 9:21 PM IST

चित्तौड़गढ़. जिला मुख्यालय पर विभिन्न व्यापारिक संगठनों ने जिला प्रशासन को सूचित कर कोरोना वायरस के बढ़ते कदमों को ध्यान में रखते हुए रविवार अपने प्रतिष्ठान बंद रख लॉकडाउन का पालना किया. स्वैच्छिक लॉकडाउन पूरी के चलते शहर के बाजार बंद रहे. वहीं कुछ दुकानदारों ने जरूर नियमों का हवाला देते हुए अपने प्रतिष्ठान खुले रखे हैं.

जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पर कोरोना के बढ़ते कहर को ध्यान में रखते हुए विभिन्न व्यापारिक संघ के सदस्यों ने जिले प्रशासन के साथ हुई बैठक में रविवार को बंद का निर्णय किया था. ऐसे में रविवार को शहर में स्वैच्छिक लॉकडाउन के नियमों की पालना करते हुए अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखें गए. कुछ दुकानदारों को छोड़ कर सभी व्यापारियों ने लॉकडाउन के नियमों का पालना की. जबकि कुछ व्यापारियों ने नियमों का हवाला देते हुए अपने आप को इस लॉकडाउन से अलग रखा.

बता दें कि कुछ दिनों पूर्व कोरोना के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए चित्तौड़गढ़ मुख्यालय के व्यापारिक संघ के अध्यक्ष ने कार्यवाहक जिला कलक्टर मुकेश कुमार कलाल से मिल कर स्वैच्छिक लॉकडाउन करने की मंशा जाहिर की थी. इसमें आने वाले दिनों के तीज त्यौहार को भी ध्यान में रखा गया है. आने वाले महीने में दीपावली जैसा प्रमुख त्यौहार की तैयारी भी इस लॉकडाउन के रूप में देखी जा रही है.

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व्यापरियों का मानना है कि रविवार को बाजारों में और दिनों की अपेक्षा भीड़ अधिक रहती है. इससे कि संक्रमण फैलने का खतरा भी बना रहता है.इसी को ध्यान में रखते हुए सप्ताह में एक दिन का लॉकडाउन प्रत्येक रविवार को रखने का फैसला किया गया था. लेकिन इस फैसले में कुछ व्यापारिक संगठन साथ दिखाई नहीं दिए. उनका मानना है कि पहले ही 5 महीने का लॉकडाउन से उनका व्यापार चौपट हो चुका है. इसके चलते इस लॉकडाउन में शामिल नहीं हो सकेंगे. वहीं पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव ने इस लॉकडाउन पर खुशी जताते हुए बताया कि व्यापारी वर्ग ने इस महामारी की रोकथाम के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. आगे भी प्रशासन को उनका सहयोग मिलता रहेगा.

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