चित्तौड़गढ़. जिले सभी प्रमुख धर्मगुरुओं ने एक बार फिर प्रदेश के धर्म स्थलों के लिए नई मिसाल पेश की. मंदिर मस्जिद से लेकर चित्तौड़गढ़ जिले के सभी प्रमुख धर्म स्थलों के द्वार श्रद्धालुओं के लिए 30 अप्रैल तक बंद रहेंगे. यह निर्णय जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा की अध्यक्षता में जिले के धर्मगुरु और धर्म चल प्रतिनिधियों की बैठक में ही निर्णय किया गया. इस संबंध में धर्मस्थल प्रतिनिधियों की बैठक में ही सहमति लेते हुए जिला कलेक्टर ने 13 अप्रैल से सभी प्रमुख धर्म स्थल बंद रखे जाने का अप्रैल से बंद रखे जाने का आदेश जारी कर दिया.
जिले में पिछले 15 दिन से कोरोना रोगियों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. संक्रमित रोगियों के आने का क्रम औसतन 80 पार हो चुका है. वहीं 13 अप्रैल से चैत्र नवरात्र शुरू होने जा रहा है. इसके अलावा रमजान का पवित्र महीना भी शुरू होने जा रहा है. इस दौरान हजारों लोगों के धर्म स्थलों पर आने से संक्रमण और भी तेजी से फैल सकता है. इसे देखते हुए जिला कलेक्टर मीणा ने तत्काल प्रभाव से सभी शक्तिपीठों सहित मंदिर मस्जिद और गुरुद्वारा प्रतिनिधियों की जिला परिषद सभागार में बैठक बुलाई.
मेवाड़ के प्रमुख कृष्ण धाम सांवलिया जी मंदिर मंडल, जोगणिया माता, आसावरा माता, जातला माता, कपासन दरगाह, गुरुद्वारा , चर्च, शनि महाराज मंदिर सहित सभी प्रमुख धर्म स्थलों के जनप्रतिनिधियों के समक्ष जिला प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण की स्थिति और आगामी दिनों में आने वाले चैत्र नवरात्रा तथा रमजान के दौरान श्रद्धालुओं के आने से संक्रमण और भी तेजी से फैलने की आशंका को आंकड़ों के साथ रखा और उनसे सहयोग मांगा.
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