चित्तौड़गढ़. प्रतापगढ़ के बहुचर्चित गिरिराज जोशी हत्याकांड मामले में चित्तौड़गढ़ जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 1 अक्टूबर को 8 आरोपियों दोषी करार दिया था. इसके 11 दिन बाद न्यायालय ने मंगलवार को सजा का ऐलान भी कर दिया है. मामले में छह आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. वहीं दो अन्य की जमानत रद्द करते हुए न्यायालय ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है. इस मामले में न्यायालय ने चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक को दोनों अभियुक्तों को न्यायालय में पेश करने के भी आदेश दिए है. अन्य दो आरोपियों को बाद में सजा सुनाई जाएगी.
ऑफिस में घुसकर की थी अधिवक्ता गिरिराज जोशी की हत्या
6 जनवरी 2007 की शाम अधिवक्ता गिरिराज जोशी को बाइक सवार अज्ञात व्यक्ति ने उनके ऑफिस में ही गोली मार दी थी. जिसमें अधिवक्ता जोशी की मौके पर ही मौत हो गई थी. इसके बाद बाइक सवार अपने एक अन्य साथी के साथ मौके से फरार हो गया. कोतवाली थानाधिकारी कन्हैया लाल गुर्जर मौके पर पहुंचे और अज्ञात लोगों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में प्रकरण दर्ज किया. अनुसंधान के दौरान पुलिस कि ओर से बहुचर्चित प्रकरण में 10 लोगों के खिलाफ अलग-अलग चार आरोप पत्र कोर्ट में पेश किए गए. बाद में यह मामला हाईकोर्ट के निर्देश पर ट्रायल के लिए चित्तौड़गढ़ जिला सत्र न्यायालय ट्रांसफर कर दिया गया.
पढ़ें.झालावाड़: व्यापारी से 5 लाख रुपए की लूट का प्रयास... CCTV में कैद हुए आरोपी
14 साल बाद मिली आरोपियों को सजा
मामले की 14 साल तक सुनवाई के बाद 1 अक्टूबर को जिला एवं सत्र न्यायाधीश केशव कौशिक ने नौगांवा निवासी वसीम खां पुत्र नियमत खान पठान, चुन्नू उर्फ इमरान खान पुत्र डेरान खान पठान, मुस्तफा पुत्र महमूद खान, प्रतापगढ़ के साकिर पुत्र सफी मोहम्मद बोहरा, गुलाम अब्बास पुत्र फिदा अली बोहरा, अखेपुर निवासी रोशम पुत्र अमीन खान, नौगांवा निवासी बबलू उर्फ शराफत उल्लाह पुत्र डेरान खान सहित प्रेम मोहन पुत्र चिमन कुमार सोमानी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 120 बी, 460 के तहत दोषी माना. मामले में 8 आरोपियों को दोषी करार दिया गया. जिसमें से 6 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.