चित्तौड़गढ़. जिले में स्थित घोसुंडा बांध के पानी को लेकर टकराव की स्थिति उत्पन्न होती दिख रही है. बांध का पानी पेयजल के लिए सुरक्षित रखने के उद्देश्य से 2 दिन पहले जिला कलेक्टर ने अवैध जल दोहन पर पाबंदी लगाते हुए गस्ती टीम लगाने के निर्देश दिए थे.
प्रशासनिक कार्रवाई के खिलाफ शुक्रवार को किसान लामबंद हो गए और बांध पर पहुंच गए और धरने पर बैठ गए. सूचना पर प्रशासनिक अधिकारी पुलिस के साथ पहुंचे. बाद में किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे और यहां पर भी प्रदर्शन कर खेती के लिए पानी देने की गुहार लगाई.
घोसुंडा बांध के पानी को लेकर किसानों ने किया बांध पर प्रदर्शन घोसुंडा सहित आस-पास के कमांड क्षेत्र में बड़े पैमाने पर किसानों ने रबी की फसल बो रखी है जो कि अब पकने की स्थिति में है. गहराते पेयजल संकट को लेकर प्रशासन हरकत में आ गया और 2 दिन पहले बैठक कर खेती के लिए पानी देने पर शिकंजा कसने की प्लानिंग तैयार की. उसी के तहत 2 दिन से पुलिस और प्रशासन की टीम कमांड क्षेत्र में पहुंच रही है. इस कार्रवाई को लेकर किसान एकजुट होकर घोसुंडा बांध पहुंच गए और वहां प्रदर्शन करते हुए धरने पर बैठ गए. जिसकी सूचना पर एसडीएम पुलिस बल के साथ पहुंचे और समझाइश कर उन्हें वहां से हटाया.
पढ़ें-अब चित्तौड़गढ़ में होगा ब्लड का पोस्टमार्टम, एक यूनिट से बच सकेंगी 4 जानें
इस पर भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष श्रवण सिंह राव के नेतृत्व में किसान कलेक्ट्रेट पहुंच गया और यहां प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि जब पेयजल संकट के हालात पहले से ही बन रहे थे तो प्रशासन ने आखिरकार किसानों को फसल बोने से क्यों नहीं रोका. अब जब फसल पकने की स्थिति में है यदि उसे पानी नहीं मिलेगा तो किसान की पूरी मेहनत पर पानी फिर जाएगा. ऐसे में उन्हें अंतिम पिलाई के लिए पानी देने की व्यवस्था की जानी चाहिए. राव के अनुसार इस मसले पर जिला कलेक्टर केके शर्मा ने एक प्रतिनिधिमंडल को बुलाया है. हमें उम्मीद है कि किसानों को न्याय मिलेगा.