राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

चित्तौड़गढ़ः किसानों पर एनडीपीएस एक्ट की कार्रवाई का विरोध, भाजपा ने सौंपा ज्ञापन - चित्तौड़गढ़ में अफीम किसान

डोडा चूरा नष्टीकरण के चलते किसानों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में हो रही कार्रवाई का भाजपा ने विरोध किया है. चित्तौड़गढ़ से भाजपा सांसद सीपी जोशी के नेतृत्व में कई भाजपा नेताओं ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप आंदोलन की चेतावनी दी है.

Poppy farming farmer chittorgarh, चित्तौड़गढ़ में किसान आन्दोलन
Poppy farmers in chittorgarh

By

Published : Jun 10, 2020, 9:49 AM IST

चितौड़गढ़.जिले में अफीम उत्पादक किसानों को राज्य सरकार की और से नष्टीकरण के लिए गत वर्ष के डोडा चूरा नहीं दिये जाने पर एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई किये जाने व अफीम के पट्टे काटने की धमकी दिए जाने के विरोध में भाजपा नेताओं ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है.

भाजपा ने किया किसानों पर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई का विरोध

जानकारी के अनुसार किसान हित की बात कहते हुवे भाजपा नेता कलक्ट्रेट पहुंचे. यहां ज्ञापन मे बताया गया कि देश में अफीम के करीब 80 हजार पट्टे जारी किये जाते हैं. इसमें से मेवाड़ अंचल के जिलों चित्तौड़गढ़, उदयपुर, प्रतापगढ एवं भीलवाडा मे लगभग 22 हजार किसानों को पट्टे जारी किये जाते हैं. अफीम एक औषधीय पौधा है, जिससे निकलने वाला डोडा-चूरा औषधी के रूप में प्रयोग किया जाता है. किसानों को अफीम की खेती में तकलीफ उठानी पड़ती है और अफीम की पैदावार किन-किन विपरीत परिस्थितियों में की जाती है इसका दर्द सिर्फ किसान ही समझ सकता है.

पढ़ें : COVID-19 : पाली में रोहट-गाजनगढ़ टोल के 26 कर्मचारी कोरोना से संक्रमित

ज्ञापन में बताया कि जब से अफीम का पट्टा रिलीज होता है तब से लेकर कटाई तक किसान अफीम की फसल को एक छोटे बच्चे की तरह पालता है व उसका पूरा परिवार इस अफीम की फसल का निर्भर रहता है. कुछ वर्ष पहले तक राजस्थान सरकार डोडा चूरा का 125 रुपए प्रति किलो के मूल्य से किसानों को भुगतान करती थी. इसके बाद सरकार ने डोडा चूरा किसानों से लेना बन्द कर दिया व इसका नष्टीकरण प्रारम्भ किया. इससे किसानों को आर्थिक हानि हुई.

किसानों ने गत वर्ष डोडा चूरा नष्टीकरण के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर आंदोलन किया था. डोडा चूरा नष्टीकरण की जिम्मेदारी राजस्थान सरकार की थी, लेकिन अत्यधिक बारिश होने से किसानों द्वारा डोडा चूरा की दुर्गंध व कीड़े पड़ने से बीमारी एवं महामारी की आशंका के चलते किसानों ने डोडा चूरा खेतों में डाल कर नष्ट कर दिया. ज्ञापन में आरोप लगाया कि वर्तमान में राजस्थान सरकार द्वारा विभाग की गलती होते हुए भी किसानों को आंख दिखाई जा रही है व एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई करने की धमकी दी जा रही है एवं उसी अनुरूप सरकार द्वारा आदेश जारी किये जा रहे हैं, जो अन्यायपूर्ण है.

ज्ञापन में बताया कि राज्य सरकार को सभी किसानों से गत वर्ष डोडा चूरा स्वयं के खेत में नष्टीकरण के आशय का प्रमाण-पत्र लिया जाना चाहिए एवं जो किसान ये प्रमाण-पत्र नहीं दे, उसके खिलाफ विभाग जरूर आवश्यक कार्रवाई करे. ज्ञापन में सरकार से मांग की है कि वो प्रतिवर्ष बारिश से पूर्व अफीम डोडा चूरा की अपने स्तर पर नष्टीकरण कर किसानों को उचित मुआवजा प्रदान करे.

पढ़ें : राजस्थान में गुटखा, पान, तंबाकू पर लग सकता है बैन!

सरकार द्वारा जारी इस किसान विरोधी आदेश को पुनः वापस ले अन्यथा इस स्थिति को किसान चुपचाप बैठ कर देखने वाला नहीं है. वह अपने हक के लिए सड़क पर संघर्ष कर आंदोलन के लिए तैयार बैठा है, और यदि सरकार ने अपना निर्णय वापस नही लिया तो किसान हित में भारतीय जनता पार्टी द्वारा आंदोलन किया जाएगा. जिसकी समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.

ज्ञापन के दौरान सांसद सीपी जोशी, विधायक चंद्रभानसिंह आक्या, डेयरी चेयरमेन बद्रीलाल जाट, भूमि विकास बैंक चेयरमेन कमलेश पुरोहित, सीकेएसबी चेयरमेन लक्ष्मणसिंह, पूर्व न्यास अध्यक्ष सुरेश झंवर आदि ने मुख्यमंत्री के नाम अतिरिक्त जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details