अलवर. जिले में सिलिकोसिस के मरीजों का अब बेहतर इलाज हो सकेगा. बता दें कि टीबी हॉस्पिटल में जल्द ही नई डिजिटल एक्सरे मशीन आने वाली है. जिसके लिए खनन विभाग ने 10 लाख रुपए दिए हैं. जिले में तेजी से बढ़ती मरीजों की संख्या को देखते हुए खनन विभाग ने यह कदम उठाया है.
सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो अलवर में सिलिकोसिस के 92 मरीज रजिस्टर्ड हैं. इनमें से 85 मरीजों को अब तक सहायता राशि मिल चुकी है तो वहीं 8 की सिलिकोसिस से मौत हो चुकी है. अलवर में सिलिकोसिस के मरीजों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है. लेकिन पर्याप्त इंतजाम नहीं होने के कारण इनकी पहचान होने में खासी दिक्कत होती है.
मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या को देखते हुए अलवर के टीवी अस्पताल में डिजिटल एक्स रे मशीन लगाई जा रही है. कुछ दिनों में मशीन अस्पताल पहुंच जाएगी. मशीन खरीदने के लिए 10 लाख रुपए का बजट खनन विभाग की तरफ से टीवी अस्पताल को दिया गया है. इस मशीन के आने से सिलिकोसिस के मरीजों की जांच बेहतर हो सकेगी और मरीज को जयपुर नहीं भेजना पड़ेगा. अभी तक अस्पताल में सामान्य एक्स-रे की सुविधा है.
गौरतलब है कि अलवर में बड़ी संख्या में मार्बल की खाने हैं. वहीं मूर्ति निर्माण का काम भी बड़ी मात्रा में होता हैं. ऐसे में यहां काम करने वाले लोगों के सिलिकोसिस बीमारी होने की संभावना रहती है क्योंकि सिलिकोसिस सिलिका के कण और टूटे पत्थर की धूल की वजह से होती है. धूल सांस के साथ फेफड़ों में जाकर जमा हो जाती है.
बता दें कि यह बीमारी खासकर खनन में काम करने वाले श्रमिक, रेत बालू खनन का काम करने वाले लोग, पत्थर तोड़ने, कांच उद्योग, मिट्टी के बर्तन बनाने के उद्योग, पत्थर को काटने और रगड़ने जैसे उद्योगों के मजदूरों को होती है. इसके साथ ही स्लेट पेंसिल बनने वाले उद्योगों में काम करने वाले मजदूरों को भी सिलिकोसिस अपनी गिरफ्त में ले लेती है.