भरतपुर. राजस्थान के भरतपुर में राज्य सरकार के शिशु गृह में पल रही एक 6 वर्षीय अनाथ बच्ची को अब सात समंदर पार इटली में नए माता पिता मिलेंगे. जिसके लिए इटली निवासी दंपति को गोद देने की कानूनी प्रक्रिया जिला स्तर पर पूरी हो चुकी है और अब इस पर अंतिम आदेश सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी के द्वारा दिए जाएगा. जिसमे अभी करीब एक और महीना लग सकता है और इस आदेश के बाद यहां की अनाथ बालिका दामिनी इटली चली जाएगी. जहां उसको नए माता-पिता मिलेंगे जो उसका पालन पोषण करेंगे.
वर्ष 2014 में दामिनी उस समय मीडिया की सुर्ख़ियों में आयी जब वह महज 6 माह की थी और तभी उसकी मां शांति देवी की मौत हो गई जबकि उसका पिता बबलू सिंह रिक्शा चालक था. पत्नी की मौत के बाद बबलू अपनी नवजात बच्ची को कपडे के जरिये अपने गले में टांगकर रोजी रोटी कमाने के लिए रिक्शा चलाता था. साथ ही अपनी बच्ची को गले में टांगकर रखता था और उसको रिक्शा चलाते हुए दूध पिलाता था.
जब मीडिया में यह घटना हाईलाइट हुआ तो देश विदेशों से मदद देने वाले लोग आगे आये और दामिनी की परवरिश के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की लेकिन लेकिन मां के बाद दामिनी के पिता बबलू की भी जून 2018 में मौत हो गयी. उसके बाद दामिनी अनाथ हो गयी और उसको सहारा शिशु गृह में दाखिला दे दिया. जिसके बाद आज यहां पलते हुए दामिनी 6 वर्ष की हो चुकी है और अब नए माता पिता के साथ इटली में चली जाएगी.
अनाथ बच्ची दामिनी को इटली में मिलेंगे नए माता पिता
दामिनी को गोद लेने वाले माता-पिता इटली देश में बोलोग्ना शहर के निवासी हैं. जिनमें 42 वर्षीय रालीले निकोला जो कॉलेज टीचर है और उनकी 42 वर्षीय पत्नी इवानजेलिसि चिआरा जो जूनियर हाई स्कूल में इंग्लिश टीचर है. इस इटली निवासी दंपति की शादी 21 अप्रैल 2002 में हुई थी लेकिन कोई बच्चा पैदा नहीं हो सका इसलिए उन्होंने एक अनाथ बच्ची को गोद लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. जिसकी प्रक्रिया अब करीब पूरी होने को है.
हर विदेशी दंपति जो बच्चा गोद लेने चाहता है उसको विभाग के अकाउंट में 5000 डॉलर देने पड़ते हैं और भारतीय व्यक्ति को गोद लेने के लिए 40,000 रूपये देने पड़ते हैं.