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Sheetala Saptami 2023: आज है शीतला सप्तमी, बनेंगे कई तरह के पकवान, शीतला माता की पूजा करने से नहीं होगी ये परेशानी

चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की सप्तमी को शीतला सप्तमी का पर्व मनाया जाता है. शीतला माता की पूजा शीतला सप्तमी और शीतला अष्टमी को होती है. शीतला माता को मां पार्वती और मां दुर्गा के अवतार के रूप में पूजा जाता है. इस दिन यानि शीतला सप्तमी को घरों में विभिन्न प्रकार के पकवान व्यंजन और भोजन बनाया जाता है जो अष्टमी को माता को भोग लगाने के बाद खाया जाता है.

Sheetala Saptami 2023
Sheetala Saptami 2023

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Published : Mar 14, 2023, 6:21 AM IST

Updated : Mar 14, 2023, 6:39 AM IST

बीकानेर. सनातन धर्म में दिन वार विशेष और तिथि का अपना एक महत्व है और उस तिथि विशेष को पर्व के रूप में मनाया जाता है. चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की सप्तमी को सनातन धर्म में शीतला माता की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. होली के एक सप्ताह बाद चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की सप्तमी को शीतला सप्तमी का पर्व मनाया जाता है और इस दिन घरों में अलग अलग प्रकार के पकवान भोजन बनाया जाता है.

ऐसी माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है: दरअसल, मान्यता है कि शीतला माता की पूजा आराधना करने और भोजन अर्पित करने ऐसी माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है और किसी भी प्रकार का चर्म रोग चेचक की तकलीफ और बीमारी से छुटकारा मिलता है. माना जाता है कि माता की पूजा करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. साथ ही जीवन मे सुख समृद्धि बनी रहती है.

क्यों मनाया जाता पर्व जानिए : मान्यता है कि शीतला माता को चेचक की देवी भी कहा जाता है. शीत ऋतु और ग्रीष्म ऋतु के मध्य में मौसम परिवर्तन के बीच एक दिन यानी कि शीतला सप्तमी को बनने वाला भोजन के दिन सुबह सीता माता की पूजा अर्चना करने के बाद खाना चाहिए. हालांकि इसके वैज्ञानिक कारण भी है कि इससे शरीर में मौसम परिवर्तन से हुए बदलाव का नकारात्मक असर नहीं होता है.

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पौराणिक कथाओं में मान्यता है कि इससे शीतला माता की कृपा भी बनी रहती है और चेचक और अन्य चर्म रोग और संक्रामक रोग की पीड़ा भी नहीं होती. शीतला सप्तमी के दिन दही, रबड़ी, चावल और अन्य पकवान बनते हैं जो अगले दिन यानि अष्टमी के दिन शीतला माता को पूजा अर्चना के साथ भोग लगाए जाते हैं.

Last Updated : Mar 14, 2023, 6:39 AM IST

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