बीकानेर. कार्तिक कृष्णा त्रयोदशी को धनदात्रयोदशी पर्व मनाया जाता है. इसी दिन सागर मंथन के समय भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए हैं, जिन्होंने आयुर्वेद का प्रचार प्रसार कर मानव का कल्याण किया. इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा होती है. इसी दिन से पांच दिवसीय दीपदान उत्सव शुरू होता है, जिससे यमराज को प्रसन्न किया जाता है. इस दिन पीतल, तांबा, चांदी स्वर्ण आदि के पात्र खरीदने की भी परंपरा है. मान्यता है कि इस दिन स्वर्ण, चांदी खरीदने से धन समृद्धि होती है. इसी दिन व्यापारी वर्ग अपने-अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान में कुबेर, मां लक्ष्मी का पूजन भी करते हैं.
दरअसल, धनतेरस के दिन से ही 5 दिन के दीपोत्सव पर्व की शुरुआत होती है. पूरे देश में दीपावली के साथ ही धनतेरस के दिन भी बड़ी मात्रा में घरेलू सामान और ज्वेलरी की खरीद होती है. कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी का मतलब धनतेरस से है. धनतेरस पर्व से 5 दिन के दीपोत्सव पर्व की शुरुआत हो जाती है. धनतेरस के दिन का महत्व सोना चांदी अन्य सामानों की खरीद से जुड़ा हुआ है जो कि विलासिता से जुड़े हैं, लेकिन इस दिन का विशेष महत्व आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की पूजा से भी है.