महंगाई राहत शिविर पर क्या बोले देवनानी... भीलवाड़ा. प्रदेश में बढ़ी बिजली की दरों व फ्यूल चार्ज को लेकर भाजपा शुक्रवार को उपखंड व जिला स्तर पर प्रदर्शन करेगी. इस बारे में प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी देते हुए भाजपा के पूर्व मंत्री व अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने गहलोत सरकार के महंगाई राहत शिविर को महंगाई मजबूरी शिविर करार दिया है.
उन्होंने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार का ज्यादातर समय सत्ता संघर्ष में बीता. उन्होंने कहा कि प्रदेश में महंगाई राहत नहीं, महंगाई मजबूरी शिविर आयोजित किए जा रहे हैं. इससे राहत मिलने वाली नहीं है. इसमें जनता, महिला व दिव्यांगों को शिविर में जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है. साथ ही देवनानी ने गहलोत द्वारा दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जो सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त हो, उनको दूसरे पर आरोप लगाने का अधिकार नहीं है.
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आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की तैयारी को लेकर देवनानी ने कहा कि विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा पूर्णतया तैयार है. हम संगठनात्मक रूप से व मुद्दों को लेकर जन संघर्ष करने के लिए तैयार हैं. जहा संगठनात्मक रूप से धरातल पर बूथ अध्यक्ष, बूथ समितियों व पन्ना प्रमुख की संगठनात्मक रचना पूरी हो चुकी है. प्रत्येक एक व्यक्ति जिनको प्रमुख बनाया है, उसके पास 60 वोट हैं. प्रदेश में प्रत्येक 60 वोट पर भाजपा ने एक प्रभारी तय किया, जो बड़ा महत्वपूर्ण है. पहले हमने मंडल अध्यक्ष, बूथ अध्यक्ष व पन्ना प्रमुख की जिम्मेदारी दी है. सभी पदाधिकारी धरातल पर तैयारी कर रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस के खिलाफ भाजपा के पास मुद्दों का अंबार है. कांग्रेस ने जिस घोषणा-पत्र को लेकर चुनाव लड़ा, उस घोषणा-पत्र पर अमल नहीं किया. जिससे जनता की समस्याएं जस की तस हैं. वहीं प्रदेश में अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच चल रही तकरार को लेकर देवनानी ने कहा कि प्रदेश सरकार का ज्यादातर समय सत्ता संघर्ष में ही निकला है. देवनानी ने कहा कि सचिन पायलट से पहले भाजपा ने पेपर लीक मामलों में बड़ी मछलियों को लेकर चेता दिया था. उनको पकड़ कड़ी सजा की मांग की थी. हालांकि उनके खिलाफ कार्रवाई में महज लीपापोती हो रही है.
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पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरपीएससी सदस्य बाबू लाल कटारा की नियुक्ति अशोक गहलोत ने की थी. कटारा ने नियुक्ति पर गहलोत का आभार व्यक्त करते हुए क्षेत्र में होर्डिंग लगाए थे. एक पेपर पर कार्रवाई हुई है. मेरा मानना है कि एसओजी कार्रवाई ना के बराबर कर रही है. क्योंकि एसओजी मुख्यमंत्री के अंडर में है. इसलिए एसओजी से हम न्याय की उम्मीद नहीं करते हैं. पेपर लीक मामले में बाबूलाल कटारा के तार कहां तक जुड़े हुए हैं, उसकी जांच होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि गृहमंत्री, गजेंद्र सिंह शेखावत व धर्मेंद्र प्रधान पर जो आरोप अशोक गहलोत ने लगाए हैं, उनकी बहुत बार जांच हो चुकी है. फिर भी आरोप सिद्ध नहीं कर पाए. केवल झेंप मिटाने के लिए इस तरह के आरोप लगा रहे हैं. जबकी गहलोत के राज में भ्रष्टाचार बढ़ा है, जो सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त हो, उनको दूसरे पर आरोप लगाने का अधिकार नहीं है. वहीं ओपीएस को लेकर देवनानी ने कहा कि निश्चित रूप से हमारी समितियां बैठेगी और प्रदेश कार्यसमिति की जो बैठक होगी उसमें ही तय करेंगे. साथ ही बिजली की बढ़ी हुई दरों व फ्यूल सरचार्ज को लेकर भाजपा कल जिले में बिजली विभाग के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेगी.