भीलवाड़ा. भीलवाड़ा में एक वर-वधू पक्ष ने एक अनोखी पहल कायम की है. जिले में एक ऐसी शादी देखने को मिली, जिसमें दुल्हन पक्ष ने बारातियों को हेलमेट वितरण किए. वहीं दूसरी ओर वर पक्ष ने तिलक में आए 5 लाख 51 हजार रूपए वधू पक्ष को वापस लौटा दिए और बिना दहेज की शादी की.
वैसे तो शादी किसी की भी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण पल होता है. सभी की इसे यादगार बनाने की कोशिश होती है. आज के दौर में जहां शादियों में लाखों रुपए खर्च होते हैं, वहीं भीलवाड़ा में एक ऐसी शादी हुई, जिसमें वर पक्ष ने शादी में केवल सवा रूपए और एक नारियल लेकर मिसाल कायम की है. वहीं वधू पक्ष ने शादी में आए करीब 351 बारातियों को हेलमेट उपहार में देकर सुरक्षा के नए बंधन में बंधने की सीख दी. इस दौरान वर-वधु पक्ष ने इस पहल को आगे बढ़ाने का भी संकल्प लिया.
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इस मौके पर दुल्हन के मामा और जिला परिवहन अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि चुंडावत और राठौड़ परिवार एक नए बंधन में बंधने जा रहा है. इसमें वर पक्ष ने वधु पक्ष से केवल सवा रूपए और नारियल का नेग लेकर तिलक की रस्म को अदा किया है. वहीं वधु पक्ष ने भी बारातियों को सड़क सुरक्षा के तहत हेलमेट वितरत किया है. यह हेलमेट जब बाराती लगाएंगे तो दूसरों को भी हेलमेट के बारे में प्रेरणा मिलेगी. सभी 351 बारातियों को हेलमेट दिए हैं, जिससे वे भी अपने समाज में इस पहल को आगे बढ़ाएं.
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वहीं दूल्हे के पिता महेंद्र सिंह और चाचा सुरेंद्र सिंह ने कहा कि जहां आज के दौर में शादियों के दौरान वर और वधु पक्ष के बीच एक ऐसी प्रतिस्पर्धा होती है, जिसमें दिखावे के रूप में अनेकों रूपयों का खर्चा होता है. हमने तिलक में दिए 5 लाख 51 हजार रूपए लौटा दिए हैं.
वर के चाचा का कहना है कि हम दहेज की प्रथा को खत्म करना चाहते हैं. हमें सिर्फ बेटी चाहिए, दहेज नहीं. यदि ऐसा हर बेटे के पिता करने लग जाए तो 1 दिन बेटी को कोई भी बाप बोझ नहीं समझेगा. बारात में आए दूल्हे के मित्र शंकर लाल गुर्जर ने कहा कि यहां पर हमें उपहार के रूप में हेलमेट दिया गया है. यह काफी अच्छी और अनूठी पहल है. मैं भी समाज में जाकर लोगों को इसके बारे में जागरूक करूंगा.