भीलवाड़ा.जिले के ढाई साल पुराने बहुचर्चित राम किशन रेगर हत्याकांड के मामले में सोमवार को एससी एसटी कोर्ट ने तीन आरोपियों को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है. दोषियों ने मृतक से पहले मारपीट की थी और बाद में हत्या कर उसके शव को चौराहे पर फेंक दिया था. बता दें कि आरोपियों और मृतक के बीच मोबाइल को लेकर झगड़ा हुआ था.
कनोली चौराहे पर मिला था शव
विशिष्ट लोक अभियोजक नारायणी बागरिया ने कहा कि 16 मई 2017 को पुर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसका बेटा राधा कृष्ण घर पर नहीं लौटा है. इस पर पुलिस ने जांच की. जिसके बाद पुलिस को उसका शव कनोली चौराहे पर मिला.
मारपीट कर हत्या करने के मामले में 3 दोषियों को उम्रकैद की सजा बता दें कि पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच करते हुए 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनसे पूछताछ में सामने आया कि मृतक और उनके बीच चोरी की बात को लेकर मारपीट हुई थी. जिसके चलते राधाकृष्ण की मौत हो गई.
पढ़ें-भीलवाड़ा: अंतरराज्यीय वाहन चोरों का पर्दाफाश, 3 गिरफ्तार
लाश को कुचल कर दुर्घटना दर्शाने की कोशिश
इस हत्या को दुर्घटना का रूप देने के लिए ये लोग लाश को बोरे में बंद कर बाइक पर भीलवाड़ा बाईपास स्थित कनोली चौराहे ले गए. आरोपी अपने साथ ट्रैक्टर भी ले गए ताकि शव को कुचलकर दुर्घटना का रूप दे सकें. इस पर आरोपी शिवराज गाडरी, सत्यनारायण जाट और रामलाल के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया. जहां पर सोमवार को न्यायालय ने उन्हें 28 गवाह और 47 दस्तावेज के आधार पर दोषी मानते हुए आजीवन जेल भेज दिया.