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कोरोना के कारण जाट आरक्षण आंदोलन की महापंचायतें नुक्कड़ सभाओं में तब्दील, दिया सरकार को 5 दिन का और समय - mahapanchyat in Bharatpur

जाट आरक्षण की आग कोरोना के कारण ठंडी हो गई है. पहले महापंचायतें आयोजित की जा रही थी लेकिन अब जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने महापंचायत की जगह नुक्कड़ सभा करने की योजना बनाई है. जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक ने मांगें पूरी करने के लिए सरकार को 5 दिन का और समय दिया है.

जाटों का महापंचायत, Bharatpur news
भरतपुर में जाट करेंगे नुक्कड़ सभा

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Published : Nov 23, 2020, 12:42 PM IST

भरतपुर.गुर्जरों के बाद जाट समाज की उठी आरक्षण की मांग को कोरोना ने दबा से दिया है. जाट आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से महापंचायतें आयोजित की जा रही थी लेकिन धारा 144 के कारण महापंचायतें स्थगित कर दी गई हैं. अब जाट आरक्षण समिति ने गांव-गांव जाकर नुक्कड़ सभा करने का निर्णय लिया है.

नेम सिंह फौजदार ने सरकार से की मांग

पहली महापंचायत पथेना गांव में आयोजित की गई थी. जिसमें समाज के हजारों लोगों ने भाग लिया था. दूसरी महापंचायत बडम गांव में आयोजित होनी थी लेकिन कोरोना के चलते प्रदेश में लगी धारा 144 के कारण जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने महापंचायतें स्थगित कर दी है. आरक्षण समिति ने अब गांव-गांव जाकर नुक्कड़ सभाएं आयोजित की जाएंगी.

भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि कोरोना महामारी से लड़ाई में जाट समाज सरकार के साथ है लेकिन जाट आरक्षण संघर्ष समिति की तीन मांगे हैं. जिसमें केंद्र में आरक्षण के लिए राज्य सरकार नोटिफिकेशन कर केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखें. चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाए. जाट आरक्षण के दौरान जो समाज के लोगों पर मुकदमे दर्ज हुए उन्हें वापस लिया जाए.

सरकार को दिया 5 दिन को और समय

वहीं नेम सिंह फौजदार ने कहा कि आंदोलन करना हमारा शौक नहीं, हमारी मजबूरी है. दो जिलों के युवाओं के भविष्य के लिए समाज हर तरह का आंदोलन करने ललक लिए तैयार है. पथेना की पहली महापंचायत में सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था लेकिन कोरोना काल को देखते हुए सरकार को 05 दिन का समय और देते हैं. 20 दिन तक हर गांव में छोटी-छोटी नुक्कड़ सभाएं आयोजित की जाएगी. इसलिए नियत तिथि आंदोलन जरूर होगा.

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नेम सिंह ने कहा कि इसके अलावा डीग-कुम्हेर के विधायक और पूर्व मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने सरकार से अपील की थी कि वह समाज के लोगो की मांगों को माने. जिसको लेकर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के आयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि अगर विश्वेन्द्र सिंह की कोई सरकार से बात हुई है या सरकार ने समाज की मांगों को लेकर कोई पत्र विश्वेन्द्र सिंह को दिया है तो वह समाज को बताए. अगर विश्वेन्द्र सिंह भी समाज को उनकी मांगों के लिए एक निश्चित समय दे दे तो भी आंदोलन की आग ठंडी हो जाएगी.

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