भरतपुर. राजस्थान के भरतपुर से ठगी के हैरान करने वाले मामले सामने आए हैं. शातिर ठगों के इस तरीके से पुलिस भी हैरान है. यहां ठगों ने थर्ड पार्टी रजिस्ट्रेशन से अपने घरों में ही एटीएम लगवा लिए, जिनसे ठगी के रकम निकाले जा रहे थे. पुलिस ने बीते एक साल में मेवात में ऐसी 45 एटीएम मशीनों को बंद कराया है.
दरअसल, फर्जी एटीएम मशीनें खासकर कामां और जुरहरा इलाके के गांवों में लगी हैं. इन क्षेत्रों में अब तक गांव बामनी, सबलगढ़, गामड़ी, नौगावां आदि करीब एक दर्जन से अधिक ऐसे गांव हैं, जहां शातिर बदमाशों ने गुप्त जगहों पर एटीएम मशीन लगा रखी हैं. ये थर्ड पार्टी एटीएम होते हैं. इस ठगी के कारोबार में गांवों के अधिकतर लोग भी संलिप्त होते हैं. गुप्त ठिकानों पर लगे एटीएम मशीन से पैसा निकालना इनके लिए बेहद सुविधाजनक होता है, क्योंकि गुंडगांव या हरियाणा या अन्य किसी इलाके के एटीएम से पैस निकालकर लाते वक्त उन्हें पुलिस से पकड़े जाने का खतरा होता है.
अब तक 45 मशीन बंद : डीग एसपी बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि बीते एक साल में 45 एटीएम मशीनें बैंकों से तालमेल बैठाकर बंद कराई जा चुके हैं. वहीं, 5 एटीएम मशीनें जब्त किए जा चुके हैं. 300 से अधिक साइबर क्राइम में संलिप्त आरोपी पकड़े जा चुके हैं, जिनमें से 200 से अधिक आरोपी अन्य राज्यों की पुलिस को सौंपे जा चुके हैं.
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ये है थर्ड पार्टी रजिस्ट्रेशन एटीएम : असल में कुछ प्राइवेट कंपनियां बैंकों से संबद्ध होती हैं. ये प्राइवेट कंपनियां एटीएम मशीन संचालित करती हैं. इन मशीनों से संबद्ध बैंक खातों से एटीएम कार्ड के जरिए रकम निकासी की जा सकती है. इन एटीएम मशीनों को स्थापित कराने के लिए थर्ड पार्टी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी की जाती है. इसमें कुछ जमानत या सुरक्षा राशि जमा कराकर जरूरत का स्थान बताकर इंस्टॉल करा ली जाती है. ठग इसी प्रक्रिया का फायदा उठाकर मेवात में प्राइवेट कंपनियों के एटीएम इंस्टॉल करवा लेते हैं, जिनका इस्तेमाल ठगी की रकम निकालने के लिए किया जाता है. कई बार तो ठगी की रकम 20% कमीशन पर निकालकर दी जाती है.