बाड़मेर. घर वापसी के लिए प्रवासी श्रमिक दर-दर भटक रहे हैं. लॉकडाउन लगने के 57 दिन बाद भी मजदूरों की घर वापसी नहीं हो पा रही. अलग-अलग राज्यों से आए ये मजदूर बाड़मेर जिले में लिग्नाइट औद्योगिक सहित कई फैक्ट्रियों में हजारों की तादाद में काम कर रहे थे. लेकिन कोरोना फिर लॉकडाउन की वजह से हजारों मजदूर फंस गए. वहीं, बाड़मेर जिला प्रशासन का दावा है कि अब तक हमने पांच हजार मजदूरों की घर वापसी करवा दी है. लेकिन, अभी तक बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के तीन हजार मजदूर यहीं पर फंसे हुए हैं.
मजदूर बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान काम पूरा का पूरा काम धंधा बंद हो गया. सरकार की ओर से खाने-पीने का भी कोई इंतजाम नहीं किया गया. जो पैसे बचाए थे वह खत्म हो गए. मजदूरों का कहना है कि हम दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन, कोई जवाब देने को तैयार नहीं है. जब इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत ने बाड़मेर के जिला कलेक्टर विश्राम मीणा से बात की तो उन्होंने बताया कि अब तक चार हजार से ज्यादा मजदूरों की मंगलवार को घर वापसी हो चुकी है. वहीं बिहार, पश्चिमी बंगाल और झारखंड के कुछ मजदूर अभी भी फंसे हुए हैं. इन सब राज्यों के लिए हमने ट्रेन की डिमांड की है जैसे ही हमें ट्रेन मिलती है तो इन सभी मजदूरों की घर सुरक्षित तरीके से भेज दिया जाएगा.