बाड़मेर. राजस्थान के बाड़मेर शहर में 22 अप्रैल को बाड़मेर पुलिस ने कमलेश प्रजापति का एनकाउंटर (cbi recreated crime scene in barmer) सदर थाने के पीछे उसी के घर पर कर दिया था. जिसके बाद में इस मामले को लेकर परिवार और समाज के लोगों ने संदेह जताया था.
पचपदरा से कांग्रेस के विधायक मदन प्रजापत ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी, साथ ही बीजेपी और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भी इस पूरे मामले को लेकर कई सवाल खड़े किए थे. जिसके बाद में राजस्थान की गहलोत सरकार ने (Gehlot Government Recommended CBI Inquiry) इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी थी.
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सीबीआई की टीम ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करके पिछले कई महीनों से लगातार इस केस से जुड़े पुलिस अधिकारियों से लेकर परिवार से लोगों के बयान दर्ज की है. शुक्रवार को इस मामले में सीबीआई ने घटनास्थल पर पहुंच कर सीन का भी रीक्रिएशन करवाया. इस दौरान एनकाउंटर से जुड़े तमाम पुलिस के अधिकारियों ने मौका स्थिति पर अपनी-अपनी पोजीशन जिसमें एनकाउंटर के समय थी, उसे लेकर सीबीआई को पूरी घटना के बारे में समझाया.
क्या था मामला...
बता दें कि 22 अप्रैल को बाड़मेर पुलिस को यह सूचना मिली थी कि तस्कर कमलेश प्रजापत अपने मकान में छुपा हुआ है. जिसके बाद पुलिस की टीम ने वहां दबिश दी थी. इसी दौरान कमलेश प्रजापत ने पुलिसवालों पर गाड़ी चढ़ाकर भागने की कोशिश की. पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलीबारी की थी, जिसमें कमलेश प्रजापत की मौत हो गयी थी.