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शाबाश! सीमेंट के कट्टे उतारने वाले मजदूर का रीट में हुआ चयन, सोशल मीडिया पर छाए रेखाराम

बाड़मेर के एक लाल ने कमाल कर दिया है. सीमेंट के कट्टे उतारने वाले मजदूर रेखाराम का रीट में चयन हुआ है. इतना ही नहीं, इस सफलता के बाद रेखाराम सोशल मीडिया पर भी छाए हुए हैं.

Laborer Selection in REET
सीमेंट के कट्टे उतारने वाले मजदूर का रीट में हुआ चयन

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Published : Jun 11, 2023, 9:40 PM IST

रेखाराम के घर में खुशी का माहौल, सुनिए क्या कहा...

बाड़मेर. कुछ कर गुजरने की जिद की बदौलत आज बाड़मेर जिले के रेखाराम की हर तरफ तारीफ हो रही है. दरअसल, रेखाराम (31 वर्ष) सीमेंट की गाड़ियों से कट्टे (सीमेंट के बैग) उतारने का काम करते हैं. रेखाराम ने तमाम संघर्षों का मुकाबला करते हुए रीट लेवल 2 में सफलता हासिल की है. रेखाराम की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से वायरल हो रही है. हर कोई रेखाराम की जमकर तारीफ कर रहा है.

हाल ही में राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) लेवल -2 के परिणाम में जिले के छोटे से गांव मातासर के रहने वाले मजदूर रेखाराम का चयन हुआ है. सबसे खास बात यह है कि रीट लेवल-2 साइंस- मैथ का जब परिणाम आया, उस वक्त रेखाराम ट्रक से सीमेंट के कट्टे उतार रहे थे. परिणाम की सूची में रेखाराम का नाम आया तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. बावजूद इसके, उन्होंने ट्रक से सीमेंट पूरे कट्टे नीचे उतार कर गाड़ी को खाली किया.

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इस दौरान रेखाराम को बधाई देते हुए कुछ लोगों ने फोटो खिंचवाई और देखते ही देखते यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इन दिनों रेखाराम की तस्वीर सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से वायरल हो रही है, जिसमें मजदूर रेखाराम सीमेंट की गाड़ी के पास नजर आ रहे हैं. हर कोई इस तस्वीर को शेयर करके मजदूर रेखाराम के संघर्षों को सलाम कर रहा है.

किसान परिवार से हैं रेखाराम : पिछले कई सालों से ट्रकों से सीमेंट के कट्टे उतारने का काम करते हैं. मजदूरी करके पढ़ाई और परिवार का खर्च चलाते हैं. आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद भी किताबों से नाता नहीं तोड़ा और बदस्तूर पढ़ाई को जारी रखा. रेखाराम ने बताया कि 2020 में रीट की तैयारी शुरू की थी. 2021 में रीट में 120 नंबर आए थे, वह परीक्षा रद्द हो गई. इसके बाद से लगातार रीट की तैयारी चल रही है.

रेखाराम ने बताया कि उनकी पत्नी सुरती देवी जो कि बीए पास हैं और आंगनबाड़ी में कार्यकर्ता पद पर कार्यरत हैं. रेखाराम का कहना है कि इससे उन्हें और उनके परिवार को बहुत मदद मिली. रेखाराम ने बताया कि शुरुआती पढ़ाई अपने गांव मातासर और रावतसर में सरकारी स्कूल में हुई. फिर सीकर जिले में साइंस विषय में 12वीं बोर्ड के एग्जाम दिए. इसके बाद बाड़मेर कॉलेज में बीएससी की और फिर जोधपुर में बीएड की.

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