बाड़मेर.मंंत्री अशोक चांदना द्वारा अधिकारियों को धमकाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. मंत्री ने फोन पर अधिकारी को धमकाते हुए किसानों के काम नहीं करने वाले पटवारियों की लिस्ट मांगी और उन पटवारियों को सजा के तौर पर बाड़मेर-जैसलमेर जिले में ट्रांसफर करवाने की बात कह डाली. इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर जमकर बवाल मचा हुआ है.
मंत्री अशोक चांदना के खिलाफ भड़के बाड़मेर के लोग ट्रांसफर करने की धमकी दे रहे मंत्री के बयान के बाद से बाड़मेर-जैसलमेर के लोगों में खासा आक्रोश व्याप्त है. मंत्री के इस बयान के कड़े शब्दों में लोग निंदा कर रहे हैं. बाड़मेर-जैसलमेर के लोगों ने खेल मंत्री अशोक चांदना के इस बयान पर तंज कसते हुए कहा कि यदि रेगिस्तान इतना ही बुरा है तो आप 13 दिन तक किस तरीके से रेगिस्तान के फॉइव स्टार होटल में रुके. आपकी यहां पर वहां पर अच्छी तरह से अगुवाई की गई. शायद अच्छी खातिरदारी आपको पच नहीं रही है. इसीलिए इस तरीके से बाड़मेर और जैसलमेर को बदनाम कर रहे हैं.
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यहां के निवासियों का कहना है कि आज बाड़मेर और जैसलमेर विकास के नए आयाम छू रहे हैं. यहां कोई अधिकारी आता है तो वापस जाने का नाम नहीं लेता, उसके बावजूद भी आज भी हमें काले पानी की सजा के तौर पर सरकार के मंत्री देखते हैं तो यह अपने आप में निंदनीय बात है. उन्होंने कहा कि मंत्री अशोक चांदना को अपने इस बयान के लिए बाड़मेर और जैसलमेर की जनता से माफी मांगनी चाहिए.
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खेल मंत्री के बयान की कड़ी निंदा करते हुए जाट समाज के समाजसेवी डालूराम चौधरी ने कहा कि शायद मंत्री जी यह भी भूल गए हैं कि बाड़मेर जिला आज के समय में राजस्थान सरकार को सबसे ज्यादा रेवन्यू देने वाला जिला है. साथ ही हम अपने यहां पर बेहद खुश हैं और विषम परिस्थितियों में भी मुकाबला करते हैं. उन्होंने कहा कि देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी बाड़मेर की अलग पहचान है. उसके बाद भी राजस्थान सरकार के मंत्री आज भी बाड़मेर जैसलमेर को काले पानी की सजा के तौर पर देखते हैं, जो अपने आप में निंदनीय है.
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गहलोत सरकार के खेल मंत्री अशोक चांदना के बयान पर जैसलमेर से आने वाले कांग्रेस के कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद ने मंत्री का बीच-बचाव करते नजर आए. मंत्री सालेह मोहम्मद ने कहा कि जब मंत्री अशोक चांदना ने कोई बात कही है तो उसे गलत नहीं लेना चाहिए. जब कोई अधिकारी या कर्मचारी काम नहीं करते हैं तो ऐसा ही बोला जाता है. पहले बाड़मेर-जैसलमेर में अधिकारी या कर्मचारी की ट्रांसफर काले पानी की सजा समझा जाता था, लेकिन अब वह परिस्थितियां नहीं हैं. अब बाड़मेर-जैसलमेर आते वक्त मुश्किल से आते हैं और जाते हैं, तब भी जाना नहीं चाहते हैं.
ऐसा नहीं है कि मंत्री चांदना ने यह बयान पहली बार दिया हो, इससे पहले ही वर्तमान के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी इसी तरह का बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया था. लेकिन बार-बार इस तरीके के मंत्रियों के बयानों से यहां के लोगों की भावनाएं आहत होती हैं. ऐसे में सरकार में मंत्रियों को इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए.
क्या कहा है मंत्री ने वीडियो में?
खेल मंत्री अशोक चांदना वायरल वीडियो में अधिकारी की जमकर क्लास लेते हुए नजर आ रहे हैं और कह रहे हैं कि 'यहां किसी की दादागिरी नहीं चलेगी. यहां पर एक ही आदमी की चलेगी और वह मैं हूं. मंत्री ने कहा कि मेरे आदेशों के बाद भी नामांतरण नहीं खोले जा रहे हैं. किसानों के काम नहीं करने वाले पटवारियों की लिस्ट मांगी और उन पटवारियों को सजा के तौर पर बाड़मेर और जैसलमेर भेजने की बात कही.'