बारां. जिले के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने सोमवार को ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया. राजकीय अस्पताल के करीब 5 दर्जन और जिले भर के करीब ढाई सौ चिकित्सकों ने कार्य का बहिष्कार कर विरोध जताया. चिकित्सकों ने अपना विरोध पश्चिमी बंगाल में हुई हिंसा के विरोध में किया.
चिकित्सा विभाग द्वारा मरीजों की परेशानी को देखते हुए राजकीय अस्पताल में करीब 18 आयुष चिकित्सक ओपीडी सेवाओं के लिए लगाए गए. कार्य बहिष्कार के दौरान चिकित्सकों ने इमरजेंसी सेवा, एमएलसी और पोस्टमार्टम की सेवाएं सुचारू रखी.
बारां राजकीय चिकित्सालय में सोमवार सुबह से ही चिकित्सकों ने ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया जो कि 24 घंटे तक जारी रहेगा. राजकीय चिकित्सालय बारां में करीब 51 चिकित्सकों ने घटना पर विरोध जताते हुए कार्य का बहिष्कार किया तो वहीं इस विरोध में जिले भर के ढाई सौ चिकित्सक शामिल हुए.
डॉक्टरों की देशव्यापी हड़ताल का असर बारां में भी दिखा राजकीय अस्पताल में चिकित्सकों के कार्य बहिष्कार के दौरान मरीजों की परेशानी को देखते हुए करीब डेढ़ दर्जन आयुष चिकित्सकों को ओपीडी सेवाओं के लिए नियुक्त किया गया. कार्य का बहिष्कार कर रहे चिकित्सकों का कहना है कि हिंसा करने वालों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. अगर हिंसा करने वालों पर कार्रवाई नहीं होती है और चिकित्सकों को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाती है. तो राष्ट्रवादी योजना के अंतर्गत चिकित्सक आंदोलन करेंगे.
वहीं पीएमओ बिहारी लाल मीणा ने बताया कि उनके लिए मरीज का ही सर्वप्रथम हैं. ऐसे में चिकित्सकों की हड़ताल के कारण मरीजों को कोई भी तकलीफ नहीं होगी. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क कर चिकित्सकों के कार्य बहिष्कार के दौरान आयुष चिकित्सकों की ओपीडी में सुविधा उपलब्ध करवाई गई है. उन्होंने यह भी बताया कि अगर आगे चिकित्सकों का आंदोलन बढ़ता है तो उसके लिए वह मरीजों को बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के साथ तैयार रहेंगे.