राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

Covid-19 की चुनौतियों और संभावनाओं पर वेबीनार, राज्यपाल भी जनजाति लोगों की इम्यूनिटी पावर के कायल

बांसवाड़ा के गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय की ओर से मंगलवार को कोरोना को लेकर वेबीनार का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल कलराज मिश्र उपस्थित हुए. वहीं, डॉ. महिपाल सिंह ने राज्यपाल और अन्य अतिथियों का आभार व्यक्त किया.

बांसवाड़ा समाचार, banswara news
Covid-19 के चुनौतियों और संभावनाओं पर वेबीनार

By

Published : Jun 30, 2020, 5:02 PM IST

बांसवाड़ा.जिले के गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय की ओर से मंगलवार को कोविड-19 की चुनौतिओं और संभावनाओं पर वेबीनार आयोजित की गई. इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल कलराज मिश्र उपस्थित हुए, जिन्होंने इस महामारी से मुकाबले के लिए वागड़ अंचल के लोगों से सीख लेने की जरूरत निरूपित की. खासकर इम्यूनिटी पावर को लेकर राज्यपाल ने आदिवासी लोगों की सराहना करते हुए इसे वैज्ञानिक शोध का विषय बताया. इसके साथ ही पूर्व मंत्री एवं राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी और पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने भी अपने विचार व्यक्त किए.

Covid-19 के चुनौतियों और संभावनाओं पर वेबीनार

बता दें कि इस वेबीनार के लिए कुल 800 विद्यार्थियों और महाविद्यालयों ने अपना पंजीयन कराया और अपनी सहभागिता निभाई. वहीं, राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में कुलपति प्रोफेसर कैलाश सोडाणी ने राज्यपाल मिश्र सहित सभी अतिथियों का स्वागत किया और वेबीनार के उद्देश्य के बारे में बताया.

इतिहास को कुरेदा...

राज्यपाल ने वेबीनार से जुड़ते हुए को कोरोना को वैश्विक महामारी बताते हुए कहा कि जब तक कोई वैक्सीन नहीं आती, तब तक हमें कोविड-19 के दिशा-निर्देशों की पालना करते हुए मुकाबला करना होगा. उन्होंने जनजाति लोगों के प्रमुख आराध्य गोविंद गुरु के आदर्शों का उल्लेख करते हुए कहा कि क्षेत्र के लिए उनका कामकाज किसी से भी छुपा नहीं है. उन्होंने बिना किसी हथियार अपनी वैचारिक शक्ति से अंग्रेजों से मुकाबला किया और सभा के जरिए जनजाति लोगों को अनुशासन का पाठ भी पढ़ाया, यहां तक कि मानगढ़ धाम पर सैकड़ों लोग शहीद हो गए. उसी भावना, ताकत और संबल से हमें इस महामारी से मुकाबला करना होगा.

पढ़ें-'मनमोहन सरकार ने 28 पैसे बढ़ा दिए तो भाजपा सड़क पर आ गई, उन्हें अब क्या हो गया'

इम्यूनिटी पावर शोध का विषय...

अपने संबोधन के दौरान मिश्र ने डूंगरपुर, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा आदि के जनजाति लोगों की रहन-सहन का उल्लेख करते हुए कहा कि इस इलाके में साढ़े 500 लोग कोरोना के संक्रमण का शिकार हुए. लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इनमें से 10 से 20 लोग भी जनजाति वर्ग के नहीं हैं. निश्चित ही यह आदिवासी लोगों की स्ट्रांग इम्यूनिटी पावर को दर्शाता है. उनसे समाज के अन्य लोगों को शिक्षा लेने की जरूरत है. यह वैज्ञानिक शोध का विषय है कि आखिर इस वर्ग को यह संक्रामक वायरस अपनी चपेट में क्यों नहीं ले पाया.

पूर्व मंत्री किरण माहेश्वरी ने कोरोना से बचने के लिए बचाव को ही एकमात्र विकल्प बताया और कहा कि अधिक समय तक लॉकडाउन रखना संभव नहीं है. हमें इसके साथ चलकर अगली चुनौतियों से मुकाबला करना होगा. वहीं, पूर्व मंत्री और बागीदौरा विधायक मालवीय ने गोविंद गुरु और मानगढ़ धाम के उदाहरण को सामने रखते हुए संकट के इस काल में उनसे सीख लेने की आवश्यकता निरूपित की.

पढ़ें-बांसवाड़ा में कोरोना लैब का उद्घाटन, प्रतिदिन 200 सैंपल की हो सकेगी जांच

इसके साथ ही डॉ. महिपाल सिंह ने राज्यपाल और अन्य अतिथियों का आभार व्यक्त किया. वहीं, कुलपति प्रोफेसर सोडाणी ने बताया कि वेबीनार सफल रही और इससे निश्चित ही विद्यार्थियों और शिक्षकों के जरिए कोरोना से मुकाबले के लिए संबल मिलेगा. इस दौरान विश्वविद्यालय के डॉ. अशोक काकड़ोदिया भी मौजूद रहे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details