बांसवाड़ा: जिला ग्राम पंचायत सहायकों ने राज्य सरकार को विधानसभा चुनाव के दौरान किया गया वादा याद दिलाया है. संगठन का कहना है कि उन्हें नियमित करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन 2 साल बाद भी इस दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया. प्रदेश व्यापी आंदोलन के तहत बुधवार को बांसवाड़ा में भी संगठन की ओर से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजकर स्थायीकरण की दिशा में कदम उठाने का आग्रह किया गया.
संगठन के अध्यक्ष ज्ञानचंद निनामा के नेतृत्व में बुधवार को बड़ी संख्या में पंचायत सहायक जिला मुख्यालय पर पहुंचे और एक बैठक कर अपनी मांगों पर चर्चा की. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में पंचायत सहायकों को नियमित करने का वादा किया था. लेकिन 2 साल बाद भी कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया और उनका वादा सपना बनकर रह गया.
वक्ताओं ने कहा कि 6 हजार रुपए प्रतिमाह का मानदेय दिया जा रहा है. जिससे परिवार का पालन पोषण भी मुश्किल हो रहा है. सरकार को बताया गया कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में उनकी ओर से अहम भूमिका निभाई गई है. वहीं 2006 से 2013 तक विद्यार्थी मित्र के रुप में उन्होंने सेवाएं दी हैं.
पढ़ें:मुख्यमंत्री का दीवाली पर बेरोजगारों को तोहफा, 31 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती होगी
वर्तमान में प्रदेश में करीब 26 हजार पंचायत सहायक बतौर शिक्षक और ग्राम पंचायतों में सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. अकेले बांसवाड़ा में ही 1038 पंचायत सहायक अल्प मानदेय पर काम कर रहे हैं. बाद में पंचायत सहायकों का एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्ट्रेट पहुंचा और जिला कोषाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह चौहान, महासचिव धनपाल पारगी, संगठन मंत्री बंशीलाल आदि ने जिला कलेक्टर से मुलाकात की और उन्हें अपनी भावनाओं से अवगत कराते हुए स्थायीकरण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया.