बांसवाड़ा.जिले का खेर डाबरा वैसे तो ग्राम पंचायत मुख्यालय है, लेकिन इस गांव के लगभग डेढ़ सौ परिवारों तक बिजली नहीं पहुंच पाई है. खर्चा अधिक आने के कारण विभाग भी इन्हें बिजली मुहैया कराने में रुचि नहीं लेता है.
राजस्थान का एक ऐसा गांव जहां आज भी लालटेन की रोशनी में गुजरती हैं रातें, बिजली का अब भी इंतजार
केंद्र की भाजपा सरकार देश के हर गांव को बिजली से रोशन करने के दावे कर रही है. लेकिन बांसवाड़ा से महज 12 किलोमीटर दूर एक ऐसा गांव भी है जो आजादी से लेकर आज तक बिजली की रोशनी से महरूम है. अधिकांश आबादी आज भी लालटेन तले रोशन हो रही है.
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वहीं, छात्रनेता भरत निनामा के अनुसार बिजली के अभाव में बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं. वहीं ऐसे परिवार परंपरागत कृषि पर निर्भर होकर रह गए हैं. कुंए में पानी होने के बावजूद यह लोग फसलों को पानी नहीं दे पाते. ऐसे में बेरोजगारी के चलते अन्य राज्यों में पलायन इनकी मजबूरी बन चुकी है. शिक्षा के लिए शहर आना पड़ता है जोकि आर्थिक तंगी के कारण इन परिवारों के लिए मुश्किल है. इस संबंध में मगंलवार को ग्रामीण बांसवाड़ा कलेक्ट्रेट पहुंचे और कार्यवाहक कलेक्टर और जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोविंद सिंह राणावत को ज्ञापन दिया, जिसमें वंचित परिवारों को बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने की मांग की गई.