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पंचायती राज संस्थाओं का पुनर्गठन : बांसवाड़ा में 68 पंचायतें और दो पंचायत समितियों के गठन की कवायद, जानें - बांसवाड़ा न्यूज

बांसवाड़ा में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव के बाद जिले में राजनीतिक खाका कुछ बदला हुआ नजर आ रहा है. पुनर्गठन प्रक्रिया के तहत जिले में 68 नई पंचायतें गठित की जा रही हैं. वहीं, दो नई पंचायत समितियां भी गठित करने का प्रस्ताव है. पुनर्गठन प्रक्रिया से जिले की करीब एक तिहाई ग्राम पंचायतों के लोगों के इधर-उधर होने की संभावना है.

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Published : Aug 25, 2019, 4:59 PM IST

बांसवाड़ा. सरकार द्वारा पंचायती राज संस्थाओं का पुनर्गठन किया जा रहा है. इसके तहत जनजाति बहुल क्षेत्रों में कुछ नए प्रावधान किए गए हैं. ऐसे इलाकों में पच्चीस सौ से लेकर 4 हजार तक की आबादी पर एक नई ग्राम पंचायत गठित करने का प्रावधान किया गया है. वहीं 20 ग्राम पंचायतों पर एक नई पंचायत समिति गठित की जा सकती है. इन प्रावधानों के अंतर्गत बांसवाड़ा जिले में करीब 139 पंचायतों के लोग इधर-उधर किए जाएंगे.

पंचायत पुनर्गठन प्रक्रिया में होगी 68 नई पंचायतें गठित

इस आबादी के मापदंड में आने वाली ग्राम पंचायतों को तोड़कर नई पंचायत गठित की जाएगी. सरकार के आदेश अनुसार जिले में इस नई प्रक्रिया के तहत 68 नई पंचायतों के गठन का प्रस्ताव है जिसकी प्रक्रिया अंतिम चरण में है.इसी प्रकार पंचायत समिति मापदंड के अंतर्गत बांसवाड़ा जिले में 22 ग्राम पंचायतों के साथ सरेड़ी बड़ी और 24 ग्राम पंचायतों के साथ गनोड़ा को नई पंचायत समिति का दर्जा मिलने वाला है. इसके साथ ही जिले में ग्राम पंचायतों की संख्या 343 से बढ़कर 411 होने जा रही है. वहीं पंचायत समितियों की संख्या 13 हो जाएगी.

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जनता की बढ़ रही है शिकायतें

जैसे-जैसे अपनी ग्राम पंचायत के टूटने या फिर राजस्व काम को अन्य पंचायत में शामिल किए जाने का ग्रामीणों को पता लग रहा है. सामूहिक रूप से विरोध दर्ज कराने के लिए जिला कलेक्टर के पास पहुंच रहे हैं. जब से यह प्रक्रिया शुरू हुई है सैकड़ों गांव के लोग अपनी आपत्तियां दर्ज कराने कलेक्ट्रेट पहुंचे हैं. इनमें सबसे बड़ा विरोध राजस्व गांव को तोड़कर दूरदराज की पंचायत में शामिल करने का दिख रहा है. वर्तमान पंचायत मुख्यालय से हटाकर उन्हें 8 से 10 किलोमीटर दूर अन्य पंचायत में शामिल किया जा रहा है. जिसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. ऐसे लोगों के साथ भाजपा भी आ गई है. भाजपा जनप्रतिनिधि लगातार इस प्रकार के मामलों में अपना विरोध जता रहे हैं.

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विकास पकड़ेगा तेजी

पुनर्गठन का मुख्य उद्देश्य गांव का तेजी से विकास करना है. केंद्र सरकार पिछले कुछ सालों में ग्राम पंचायतों को उनके खाते में सीधा पैसा भेज रही है. ऐसे में छोटी-छोटी पंचायतों के विकास की संभावना अधिक नजर आ रही है.

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कलेक्टर करेंगे सुनवाई

अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेश वर्मा के अनुसार पंचायत पुनर्गठन पर 29 अगस्त तक आपत्तियां दर्ज कराई जा सकेगी. स्कूटनी के बाद उपखंड मुख्यालय स्तर पर जिला कलेक्टर खुद इन आपत्तियों का निस्तारण करेंगे. जिले में से करीब एक तिहाई पंचायतें इधर-उधर होगी वही 68 नई पंचायतें गठित होगी.

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