अलवर.शिकार के लिए बदनाम सरिस्का में शिकारियों का आतंक लगातार जारी है. एक बाघ डेढ़ साल से गायब है तो पहले भी कई बाघों के शिकार हो चुके हैं. उसके बाद भी आए दिन शिकार के मामले सामने आ रहे हैं. सरिस्का की टीम ने दो शिकारियों को पकड़ा है. वन विभाग की टीम से बच कर भागने के लिए शिकारियों ने वहां मौजूद एक वन कर्मी की कनपटी पर बंदूक तान दी. इस दौरान वन कर्मियों की सूझबूझ से शिकारी पकड़े गए. इनके पास से बंदूक, बारूद व शिकार का सामान बरामद हुआ है.
रेंजर जितेंद्र चौधरी ने बताया कि 7 जून की 9 बजे उदयनाथ एरिया में सरिस्का की टीम गश्त कर रही थी. इस दौरान सरिस्का के अधिकारियों को जंगल में दो शिकारियों के होने की सूचना मिली. गोपाला गांव के गिर्राज मीणा व नेमीचंद मीणा शिकार के लिए संस्कार क्षेत्र में घूम रहे थे. सरिस्का की टीम ने शिकारियों का घेराव किया. शिकारी गिर्राज मीणा ने वन कर्मी कान सिंह की कनपटी पर बंदूक लगा भागने का प्रयास किया, लेकिन वहां मौजूद वन कर्मियों की सूझबूझ से दोनों शिकारी पकड़े गए. वनकर्मी दोनों शिकारियों को लेकर सरिस्का पहुंचे, वहां उनसे पूछताछ की गई है. उसके बाद न्यायालय में दोनों को पेश किया गया. न्यायालय ने 3 दिन की रिमांड पर भेजा. शनिवार को रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद दोनों शिकारियों को न्यायालय में पेश किया गया. न्यायालय ने दोनों को जेल भेज दिया. इनके पास से एक बाइक, बंदूक, छर्रे, बारूद, टॉर्च सहित शिकार का सामान मिला है. सरिस्का की टीम ने बताया कि दोनों शिकारी खाने के लिए खरगोश का शिकार करने के लिए जंगल में आए थे.
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