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अलवर: बीजेपी नेता ओम माथुर ने शहीद अशोक यादव की मूर्ति का किया अनावरण - अलवर न्यूज

अलवर के बहरोड़ के ढुंढारिया गांव में सोमवार को बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर ने शहीद अशोक यादव की मूर्ति का अनावरण किया. इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ हजारों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे.

statue of martyr Ashok Yadav in Alwar, शहीद अशोक यादव की मूर्ति अनावरण
ओम माथुर ने शहीद की मूर्ति का अनावरण किया

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Published : Feb 10, 2020, 2:41 PM IST

बहरोड़ (अलवर).उपखंड के ढुंढारिया गांव में सोमवार को बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर ने शहीद अशोक यादव की मूर्ति का अनावरण किया. इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ हजारों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे.

ओम माथुर ने शहीद की मूर्ति का अनावरण किया

बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम माथुर ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के लिए लड़ने वाले शहीद अशोक यादव को हजारों साल तक याद किया जायेगा. अशोक यादव ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे. ओम माथुर ने कहा कि शहीद अशोक यादव के माता पिता को धन्यवाद देता हूं, जिसने एक वीर सपूत को जन्म दिया.

ओम माथुर ने शहीद अशोक कुमार के माता-पिता और पत्नी को शाल उढ़ाकर उनका सम्मान किया. इस दौरान शहीद अशोक यादव अमर रहे के नारें भी लगाए गए. शहीद अशोक यादव का जन्म बहरोड़ तहसील के ढुंढारिया गांव में 1 जुलाई 1978 को हुआ था. प्रारम्भिक शिक्षा उन्होनें गांव से प्राप्त की. उसके बाद महाराजा कॉलेज, जयपुर से विज्ञान में स्नातक किया.

एक साधारण परिवार में जन्म लेने के बाद उसने कॉलेज के समय मे पढ़ाई करते हुए महाराजा कॉलेज के 1996 में उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए और छात्र हितों की रक्षा की. इसके साथ ही मिस्टर इंडिया ग्रासिम में राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया.

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शहीद अशोक यादव अपने चाचाओं से प्रेरित होकर 1 जनवरी 2005 को BSF में 107 (BN)सब इंस्पेक्टर के पद पर शामिल हुए. सन् 2005 से 2010 तक गुजरात के गांधीनगर में सेवारत रहे. इसी दौरान 2006 में उनका विवाह हुआ. रेखा यादव के साथ दाम्पत्य जीवन की अनुभूतियों को जीते हुए अपने राष्ट्र की रक्षा को सर्वोपरि मानते रहे.

2010 में इंस्पेक्टर पर पदोन्नत होकर ओडिशा के मलकानगिरी जिले में रहते हुए नक्सलवाद से जनता का बचाव करते रहे. बीच-बीच में जब भी संभव हो पाता तब वे जयपुर में निवासरत अपने परिवार से मिलकर पारिवारिक दायित्व का निर्वाह भी करते रहते थे.

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8 फरवरी 2012 को जयपुर से रवाना होकर 10 फरवरी 2012 को जब उन्होंने पुनः कार्यभार संभाला तो, उनको पंचायत चुनाव की व्यवस्था के लिए BSF के वाहन से चित्रकोड़ा (ओडिशा) भेजा गया. वहां से दोपहर लगभग 1 बजे लौटते समय जानबाई एरिया तहसील चित्रकोड़ा के समीप ब्लास्ट से नक्सलियों ने उनकी गाड़ी को उड़ा दिया. उनके साथ कमाण्डिंग आफिसर नागौर के जीवनरामजी कांसवा और जवान राजेश शरण और जितेन्द्र सिंह थे. इस दौरान 10 फरवरी 2012 को वे शहीद हो गए.

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