अलवर . दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे पर अब नियम तोड़ना भारी पड़ सकता है. आगामी जुलाई माह के पहले सप्ताह से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम शुरू हो रहा है. इस सिस्टम की मदद से एक्सप्रेस वे पर चलने वाले सभी वाहनों पर नजर रखी जाएगी. इसके लिए हरियाणा क्षेत्र में कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है. इसके बाद राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात में भी एक एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा. इंटेलिजेंट सिस्टम के लिए एक्सप्रेस पेपर कैमरे लग चुके हैं.
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी माह में दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे के 220 किलोमीटर लंबे हिस्से को आम लोगों के लिए खोला था. एक्सप्रेस वे पर रोजाना 11 हजार से अधिक वाहन गुजर रहे हैं. तो अब तक करीब एक लाख से ज्यादा वाहन ट्रैफिक नियम तोड़ चुके हैं. एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की अधिकतम रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा है. लेकिन लोग 200 व उससे भी ज्यादा तेज रफ्तार में वाहन चला रहे हैं. इसके अलावा एक्सप्रेस-वे पर गाड़ी खड़ी कर देते हैं. साथ ही एक्सप्रेस वे पर बाइक और ट्रैक्टर व थ्री व्हीलर चलाने पर रोक है. उसके बाद भी बाइक चालक एक्सप्रेस वे पर घूमते हैं व युवा स्टंट करते दिखते हैं. लेकिन अब ऐसा करना मुश्किल होगा और काफी कष्टदायी भी साबित होगा. एनएचएआई देश के सबसे आधुनिक एक्सप्रेस-वे पर स्वचालित यातायात प्रबंधन प्रणाली शुरू करने जा रही है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस तकनीक ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले वाहनों की पहचान करेगी.
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे के नए नियम ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से लैस है और ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले वाहनों की तुरंत पहचान कर लेगा. यह एआई आधारित प्रणाली पुलिस को फोटो और वीडियो सहित संबंधित वाहन की जानकारी भेजेगी. इसके बाद यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों को चालान भेजा जाएगा. दरअसल, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे ट्रकों, कारों और अन्य भारी वाहनों के लिए है, जबकि एक्सप्रेस-वे पर बाइक सवार लोगों के बावजूद दोपहिया और ऑटो को इस पर चलने की अनुमति नहीं है. एनएचएआई के अधिकारी ने बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर प्रत्येक 75 किलोमीटर की दूरी पर सीसीटीवी लगाने का काम पूरा हो गया है. सोहना के अलीपुर में ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर बनाया गया है, जहां से एक्सप्रेस-वे की निगरानी की जाएगी.
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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पीडी मुकेश कुमार मीना ने कहा कि सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और यातायात प्रबंधन प्रणाली जुलाई में शुरू हो जाएगी. इसके बाद एक्सप्रेस-वे पर होने वाले सड़क हादसों में कमी आएगी. साथ ही लोगों को बेहतर सुविधाएं भी मिलेंगी. अभी कुछ लोगों के कारण अन्य वाहन चालकों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि यह पूरी टेक्नोलॉजी कैमरे पर आधारित होती है. कैमरे अपने आप यातायात नियमों को तोड़ने वाले वाहन चालकों की पहचान करेंगे. साथ ही इसकी सूचना कंट्रोल रूम को देंगे. कंट्रोल रूम पर लगी स्क्रीन से पूरे एक्सप्रेस-वे पर नजर रखी जाएगी. साथ ही एक्सप्रेसवे पर अनाउंसमेंट सिस्टम भी लगाया गया है. कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारी इस सिस्टम की मदद से सूचनाएं लोगों तक पहुंचाते रहेंगे. साथ ही एक्सप्रेस वे पर चलने वाले लोग कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारियों से बात कर सकेंगे. इसके लिए एक्सप्रेस वे पर जगह-जगह ऑटोमेटिक डिवाइस लगाए गए.