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श्रम मंत्री का दावा, अलवर में जल्द शुरू होगा मेडिकल कॉलेज

श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने अलवर में जल्द मेडिकल कॉलेज शुरू कर ने का दावा किया है. हाल ही में प्रदेशभर के जिला अस्पतालों में निशुल्क जांच सेवा के लिए एक निजी लैब को टेंडर दिया गया है. सरकार का कई योजना पर काम चल रहा है, उसका सीधा फायदा आम जनता को मिल सकेगा.

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Published : Aug 9, 2019, 9:27 PM IST

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अलवर. प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली अलवर में जल्द मेडिकल कॉलेज शुरू करने का दावा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अलवर का जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेज के अधीन हो जाएगा. जबकि स्वास्थ्य विभाग अब भी अलवर को जिला अस्पतालों की सूची में शामिल कर रहा है.

अलवर में जल्द शुरू होगा मेडिकल कॉलेज

दरअसल, हाल ही में प्रदेशभर के जिला अस्पतालों में निशुल्क जांच सेवा के लिए एक निजी लैब को टेंडर दिया गया है. उसमें अलवर के सामान्य अस्पताल का भी नाम शामिल है. ऐसे में साफ है कि स्वास्थ्य विभाग सरकार को गुमराह करने का काम कर रहा है.

प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में पिछली वसुंधरा सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि उस सरकार के कार्यकाल में अलवर में कोई काम नहीं हुए तो वहीं पहले से चल रहे विकास कार्य को भी रोक दिया गया. अब कांग्रेस की सरकार आते ही अलवर में ताबड़तोड़ विकास के काम शुरू हुए हैं.

सरकार ने अलवर को चंबल के पानी की योजना, मेडिकल कॉलेज, कई नई तहसील व अलवर के कई विधानसभा क्षेत्रों में नए कॉलेज व सरकारी भवनों के लिए अनुमति व बजट जारी किया है. ऐसे में साफ है कि गहलोत सरकार की मंशा आम जनता के पक्ष में व बेहतर काम करने की है. इसलिए अलवर को दर्जनों योजनाएं दी गई हैं.

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इन योजनाओं पर काम भी शुरू हो चुका है. मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि 4.30 हजार करोड़ का बजट चम्बल योजना के लिए जारी किया गया है. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज की डीपीआर पर काम शुरू हो चुका है. जल्द मेडिकल कॉलेज अलवर में शुरू होगा.अलवर का सामान्य अस्पताल में मेडिकल कॉलेज के अधीन आएगा. जबकि स्वास्थ्य विभाग अलवर को आज भी जिला अस्पतालों की सूची में शामिल कर रहा है.

स्वास्थ्य विभाग द्वारा लंबे समय से बंद पड़ी जांच योजना के लिए एक निजी कंपनी को टेंडर दिया है. इस टेंडर की सूची में अलवर का नाम भी शामिल है. इस सूची में केवल जिला अस्पतालों को शामिल किया गया है. जिन जगहों पर मेडिकल कॉलेज है, वहां मेडिकल कॉलेज स्तर पर टेंडर किए गए हैं. ऐसे में साफ है कि स्वास्थ्य विभाग अब भी सरकार को गुमराह कर रहा है.

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हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा जिस मामले में श्रम मंत्री का पत्र मिला है, उसके आधार पर अलवर को योजना से हटाने के लिए प्रस्ताव किया गया है. लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है. वहीं जिला अस्पताल में शामिल होने से अलवर को खासा नुकसान होगा क्योंकि इस जांच योजना के तहत जांचों में खासा समय लगेगा और इसकी गुणवत्ता पर भी सवाल खड़ा रहता है. क्योंकि यह जांच अलवर में ना होकर जयपुर में कराई जाएंगी. जबकि अगर अलवर में इन जांच के लिए टेंडर किया जाए तो समय पर मरीजों को जांच रिपोर्ट मिल सकेगी वह जांच की रिपोर्ट विश्वसनीय रहेगी.

श्रम मंत्री के मुताबिक, पहली बार किसी सरकार ने अलवर के लिए सोचा है व आमजन की जरूरतों के हिसाब से अलवर को कई बड़ी योजनाएं दी है. अलवर में नई तहसील बनाई गई तो वहीं जल्द ही भिवाड़ी में नए एसपी कार्यालय व एसपी की तैनाती भी होगी. जिससे अलवर जिले में पढ़ते हुए क्राइम पर लगाम लग सके.

लोगों को अपने काम कराने के लिए परेशान नहीं होना पड़े उसके लिए कई सीमांकन में भी बदलाव किया गया है. उन्होंने कहा कि यह तो अभी शुरूआत है. आने वाले सालों में अलवर को कई बड़ी योजनाएं मिलेंगी. सरकार का कई योजना पर काम चल रहा है, उसका सीधा फायदा आम जनता को मिलेगा.

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