अलवर. गांवों में चलने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को जल्द ही कम्युनिटी हेल्थ सेंटर के रूप में डेवलप किया जाएगा और एक नाम भी बदला जाएगा. इन सेंटरों में मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से विशेष योजना बनाई गई है. केंद्र सरकार के इस प्रोजेक्ट के तहत इन सेंटरों में नर्सिंग कर्मियों की जगह हेल्थ मैनेजर के रूप में नर्सिंग कर्मियों की तैनाती होगी.
नर्सिंग कर्मी करेंगे 'कम्युनिटी हेल्थ सेंटर' का कोर्स इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने इग्नू से एमओयू किया है. एमओयू के तहत इग्नू के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग नर्सिंग कर्मियों को छह माह का कम्युनिटी हेल्थ कोर्स कराया जाएगा. दिसंबर माह से इस कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी. इस कोर्स में नर्सिंग कर्मियों को सभी तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी. यह कोर्स पूरी तरीके से प्रैक्टिकल कोर्स होगा. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो अलवर के तीन सरकारी कॉलेज सहित राजस्थान के 41 कॉलेजों को इस कोर्स के लिए नोटिफाई किया गया है.
अलवर के जीएनएम नर्सिंग कॉलेज एनएमटीसी और एक अन्य सरकारी नर्सिंग कॉलेज का इस कोर्स के लिए चयन किया गया है. इस तरह से प्रदेश के प्रमुख शहरों के सरकारी नर्सिंग कॉलेजों में या कोर्स की सुविधा मिलेगी. इस संबंध में सभी कॉलेजों को आदेश भेज दिए गए हैं. कॉलेजों को कोर्स के हिसाब से तैयारी शुरू करने के भी निर्देश दिए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस कोर्स के बाद स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा.
अलवर जीएनएम कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप शर्मा ने बताया कि वैसे तो यह कोर्स जुलाई से शुरू होना था. लेकिन समय पर प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं होने के कारण अब यह कोर्स दिसंबर माह से शुरू होगा. क्योंकि इग्नू में साल में दो बार प्रवेश प्रक्रिया होती है. जुलाई की प्रवेश प्रक्रिया की अंतिम तारीख 15 जुलाई थी, जो निकल चुकी है. इस कोर्स में नर्सिंग कर्मियों को ट्रेंड किया जाएगा तो वहीं कोर्स की फीस 15 हजार है. जो स्वास्थ्य विभाग इग्नू को देगा. इस कोर्स में ट्रेन नर्सिंग कर्मियों को कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में लगाया जाएगा. ऐसे में पीएचसी में मरीजों को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज की सुविधाओं में विस्तार होगा.