अलवर. अलवर का करणी माता मंदिर देश में अपनी खास पहचान रखता है. अरावली की वादियों में बाला किला के पास होने के कारण इसकी खूबसूरती सबको अपनी तरफ खींचती है. सालों पुराने इस मंदिर से लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. कहा जाता है मां के दरबार से कोई खाली हाथ नहीं जाता है और वे सबकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. इसलिए देश भर से लोग माता के दर्शन के लिए आते हैं और नवरात्रि में तो यहां रेला लगा रहता है, लेकिन क्षेत्र में बाघिन के मूवमेंट के कारण यह मंदिर सुबह 5 से शाम 7: 30 बजे तक श्रद्धालुओं के खुल रहा है.
बुधवार से नवरात्रों की शुरुआत हुई है और इसके साथ ही करणी माता मेला भी शुरू हो चुका है. प्रशासन की तरफ से मेले में पीने के पानी, लाइट, सीसीटीवी कैमरे, प्रसाद सहित अन्य साफ-सफाई की व्यवस्था की गई है. पूजा अर्चना के बाद मेले की शुरुआत हुई है. नवरात्रि के पूरे 9 दिनों तक यह मेला चलेगा. 9 दिन तक माता के 9 रूपों की पूजा होगी. देवी के मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान होंगे.
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मनसा माता में भी उमड़ रहे श्रद्धालु
अलवर में करणी माता के अलावा सागर क्षेत्र में मनसा माता का मंदिर भी है. सुबह 5 बजे से शाम 7:30 बजे तक श्रद्धालु करणी माता मंदिर में माता के दर्शन कर सकेंगे. सुबह से ही मंदिर में भीड़ जुट रही है. वन विभाग ने रात के समय लोगों के आने जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है. दरअसल बाला किला बफर जोन में बाघिन एसटी19 और दो शावक की मूवमेंट रहती है. प्रतिदिन लोगों को उनकी साइटिंग होती है. इसलिए रात के समय लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. साथ ही क्षेत्र में पुलिसकर्मी और वन कर्मी भी तैनात किए गए हैं. बाघों की मूवमेंट को देखते हुए प्रशासन की तरफ से सावधानी बरती जा रही है. साथ ही लोगों को भी सावधानी बरतने की गाइडलाइन दी गई है.